उज्जैन। उज्जैन शहर धार्मिक और पवित्र नगरी के रूप में प्रतिष्ठित है। शहर में न केवल अंडे चिकन की दुकानें कुकरमुत्तों की तरह उग आई है वहीं अब शहर की पवित्रता को बनाये रखने के लिये स्वर्णिम भारत मंच ने आंदोलन को भी तेज कर दिया है। इसके चलते न केवल हस्ताक्षर अभियान को अंजाम दिया जा रहा है वहीं आस्थावान लोग भी स्वर्णिम भारत मंच के आंदोलन से जुड़ रहे है। आंदोलन को संत.महात्माओं का भी मार्गदर्शन व समर्थन प्राप्त हो रहा है। अपर आयुक्त विशाल सिंह को थमाया खून स्वर्णिम भारत मंच द्वारा नगर निगम द्वार पर मोक्षदायिनी माँ क्षिप्रा व बाबा महाकाल के परिक्षेत्र से कत्लखाने शराब मांस की दुकाने हटाने की मांग के लिए नगर निगम अधिकारियों को रक्तदान हेतु शिविर लगाया जिसमें 50 से अधिक कार्यकर्ताओं ने पवित्र नगरी के लिए अपना रक्त निकाल कर आयुक्त को देने पहुंचे तो आयुक्त ने मुँह छिपाते हुए अपर आयुक्त विशाल सिंह को भेजा। जब कार्यकर्ताओं द्वारा विशाल सिंह को खून देने की कोशिश की गयी तो उन्होंने भी खून को हाथ में लेने से इंकार कर कहा कि शिवरात्रि के पहले आपकी मांग पूरी हो जायेगी। मंच के दिनेश श्रीवास्तव ने कहा कि विगत 8 फ़रवरी को नगर निगम आयुक्त आशीष सिंह को ज्ञापन देकर पवित्र नगरी में से मांसए मदिरा एवं कत्लखाने हटाने की मांग की गयी थी। तब आयुक्त ने तीन दिन में कार्रवाई का भरोसा दिलाया थाए परन्तु अभी तक कार्रवाई नहीं होने से कार्यकर्ता सोमवार को नगर निगम द्वार पर अधिकारियों को सुबह से रक्त देने के लिए धरना देकर बैठे थे। मंच का मानना है कि निगम के अधिकारियों का खून पानी हो चुका है इसलिए अधिकारी पवित्र नगरी से मांस शराब की दुकानें एवं कत्लखाने नहीं हटा पा रहे हैं। जोर पकड़ने लगी पवित्र नगर घोषित करने की मांग