पिग्मेंटेशन से राहत पाने के लिए अपनाएं ये उपाय

बदलती जीवनशैली और असंतुलित खान-पान का प्रभाव न केवल हमारे स्वास्थ्य बल्कि हमारी त्वचा पर भी पड़ता है। विशेषकर पिग्मेंटेशन, जिसे आमतौर पर काले धब्बे या झाइयों के रूप में जाना जाता है, एक ऐसी समस्या है जो बहुत से लोगों को प्रभावित करती है। इसके कारण त्वचा पर काले धब्बे पड़ जाते हैं, जो सुंदरता को भी प्रभावित कर सकते हैं। कई लोग इस समस्या से निजात पाने के लिए महंगे मेकअप उत्पादों का उपयोग करते हैं, लेकिन यह केवल एक अस्थायी उपाय होता है। पिग्मेंटेशन का इलाज करते समय यह समझना महत्वपूर्ण है कि त्वचा की देखभाल बाहरी सतह पर ही नहीं बल्कि आंतरिक पोषण के जरिए भी होनी चाहिए।

एक्सपर्ट्स के अनुसार, पिग्मेंटेशन से छुटकारा पाना आसान नहीं होता है, खासकर जब यह गंभीर रूप से हो जाए। हालांकि, कुछ विशेष उपचारों और जीवनशैली में बदलाव के जरिए इसका असर कम किया जा सकता है। आइए जानते हैं कुछ कारगर उपाय जिनसे पिग्मेंटेशन को नियंत्रित करने में मदद मिलती है।

1. एक्सफोलिएशन पील्स का उपयोग पिग्मेंटेशन को कम करने के लिए एक्सफोलिएशन पील्स एक प्रभावी विकल्प हैं। इनमें ग्लाइकोलिक एसिड, येलो पील, ट्राइक्लोरोएसेटिक एसिड पील, और कॉसमेलन शामिल हैं। ये सभी पील्स त्वचा के ऊपरी स्तर को साफ करने और डेड स्किन सेल्स को हटाने का काम करते हैं। एक्सफोलिएशन पील्स त्वचा की कोशिकाओं को पुनर्जीवित करते हैं, जिससे धब्बों का प्रभाव धीरे-धीरे कम होने लगता है। ग्लाइकोलिक एसिड पील त्वचा को कोमल और चमकदार बनाता है, वहीं ट्राइक्लोरोएसेटिक एसिड पील त्वचा की गहराई में जाकर प्रभावी होता है।

2. डिपिग्मेंटिंग क्रीम्स का प्रयोग त्वचा में मौजूद पिग्मेंटेशन को कम करने के लिए कोजिक एसिड, अल्फा आर्बुटिन, ट्रैनेक्सैमिक एसिड और विटामिन सी जैसे तत्वों वाली डिपिग्मेंटिंग क्रीम का उपयोग लाभदायक हो सकता है। इन क्रीम्स के माध्यम से मेलेनिन के उत्पादन को नियंत्रित किया जा सकता है, जो पिग्मेंटेशन का मुख्य कारण है। ये क्रीम्स त्वचा के रंग को समान बनाने में मदद करती हैं और नियमित उपयोग से काले धब्बे हल्के पड़ने लगते हैं। कोजिक एसिड और अल्फा आर्बुटिन का उपयोग प्राकृतिक रूप से त्वचा को हल्का करने में मदद करता है, जबकि विटामिन सी त्वचा को चमकदार बनाए रखने में सहायक होता है।

3. नियमित सनस्क्रीन का प्रयोग एक्सपर्ट्स के अनुसार, त्वचा को सूर्य की हानिकारक यूवी किरणों से बचाने के लिए सनस्क्रीन का उपयोग बेहद जरूरी है। रोजाना कम से कम 30 एसपीएफ वाली ब्रॉड-स्पेक्ट्रम सनस्क्रीन का उपयोग करना चाहिए और इसे दिन में कम से कम दो बार लगाना चाहिए, खासकर जब आप धूप में बाहर जा रहे हों। सनस्क्रीन लगाने से त्वचा को अतिरिक्त यूवी किरणों से सुरक्षा मिलती है, जो पिग्मेंटेशन को बढ़ाने का प्रमुख कारण हैं। यह सूर्य की किरणों से त्वचा को झाइयां और धब्बों से भी बचाता है।

4. लेजर और डिवाइस ट्रीटमेंट यदि पिग्मेंटेशन बहुत अधिक हो, तो लेजर ट्रीटमेंट एक प्रभावी उपाय हो सकता है। इसके लिए क्यू-स्विच्ड लेजर, फोटोफेशियल, माइक्रोलेंस ऐरे, माइक्रोनीडलिंग, और प्लेटलेट-रिच प्लाज़्मा जैसी तकनीकों का उपयोग किया जाता है। इन उपचारों के माध्यम से त्वचा में मेलेनिन की मात्रा को कम किया जा सकता है, जिससे काले धब्बों का प्रभाव हल्का हो जाता है। लेजर ट्रीटमेंट से त्वचा में कोलेजन का उत्पादन बढ़ता है, जो त्वचा को स्वस्थ और निखरी हुई बनाता है। यह उपचार त्वचा की गहराई तक जाकर पिग्मेंटेशन को कम करता है और लंबे समय तक चलने वाले परिणाम देता है।

5. संतुलित आहार का पालन केवल बाहरी उपचार ही नहीं, बल्कि आंतरिक रूप से भी त्वचा की देखभाल करना महत्वपूर्ण है। संतुलित आहार पिग्मेंटेशन को कम करने में सहायक हो सकता है। आहार में अधिक से अधिक हरी सब्जियां, फल और विटामिन युक्त भोजन शामिल करना चाहिए। विटामिन ई और सी जैसे एंटीऑक्सीडेंट त्वचा की रक्षा करते हैं और उसे स्वस्थ बनाए रखते हैं।

6. रोजाना गुलाब जल का उपयोग त्वचा को ताजगी देने के लिए गुलाब जल का उपयोग बहुत ही फायदेमंद माना गया है। रोजाना कम से कम दो बार अपने चेहरे को गुलाब जल से साफ करें। इससे त्वचा को नमी मिलती है और पिग्मेंटेशन की समस्या को कम करने में भी मदद मिलती है। गुलाब जल एक प्राकृतिक टोनर है जो त्वचा को साफ और तरोताजा रखता है।

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