नवरात्रि का त्योहार वर्ष में चार बार मनाया जाता है. वर्ष की पहली नवरात्रि चैत्र माह में पड़ती है. जिसे चैत्र नवरात्रि बोलते हैं. जबकि दूसरी नवरात्रि आश्विन महीने में मनाई जाती है. जिसे शारदीय नवरात्र बोलते हैं. दो गुप्त नवरात्रि आषाढ़ तथा माघ के महीने में होते हैं. वही आषाढ़ गुप्त नवरात्रि की शुरुआत हो चुकी है. इस के चलते तंत्र विद्या से मां भगवती की उपासना की जाती है. ऐसे में आइये आपको बताते है इस दौरान अपनाएं जाने वाले कुछ उपायों के बारे में... गुप्त नवरात्रि के दिनों में करें ये उपाय नवरात्रि के चलते मां भगवती को लाल पुष्प के साथ श्रृंगार का सामान भी अर्पित करना चाहिए. इसके साथ श्रृंगार का सामान दान करने से भी लाभ मिलता है तथा वैवाहिक जीवन में सुख-समृद्धि आती है. ज्योतिष विद्वान बताते हैं कि गुप्त नवरात्रि के चलते संध्या पूजा के चलते सरसों के तेल का दीपक जलाने से और मां दुर्गा के मंत्र ॐ दुं दुर्गायै नमः’ का जाप करने से भी लाभ प्राप्त होता है तथा इससे मां भगवती प्रसन्न होती हैं. नवरात्रि से जुड़े एक टोटके में यह बताया गया है कि 9 गोमती चक्र को लाल कपड़े में बांधकर तिजोरी में रखने से कभी भी धन की कमी नहीं रहती है तथा इससे मां लक्ष्मी का आशीर्वाद मिलता है. मां दुर्गा के प्रभावशाली मंत्र 1. दुर्गे स्मृता हरसि भीतिमशेषजन्तो: स्वस्थै: स्मृता मतिमतीव शुभां ददासि। दारिद्र्यदु:खभयहारिणि का त्वदन्या सर्वोपकारकरणाय सदाऽऽ‌र्द्रचित्ता।। 2. देहि सौभाग्यमारोग्यं देहि मे परमं सुखम्। रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि।। 3. ॐ जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी। दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते।। 4. हिनस्ति दैत्येजंसि स्वनेनापूर्य या जगत् । सा घण्टा पातु नो देवि पापेभ्यो नः सुतानिव ।। 5. शरणागत दीनार्त परित्राण परायणे । सर्वस्यार्तिहरे देवि नारायणि नमो स्तुते ।। 6. रोगानशेषानपहंसि तुष्टा रुष्टा तु कामान् सकलानभिष्टान् । त्वामाश्रितानां न विपन्नराणां त्वामाश्रिता ह्माश्रयतां प्रयान्ति ।। 53 साल बाद बना ये दुर्लभ संयोग, एक नहीं 2 दिन की होगी जगन्नाथ रथयात्रा गुप्त नवरात्रि से शुरू हुए इन लोगों के अच्छे दिन, बनेगी मां दुर्गा की कृपा जब लोग करने लगें ऐसी हरकतें, समझा जाइये आ गया है कलयुग का अंत