आगरा: भारत के पहले अंतरिक्ष मानव मिशन गगनयान के क्रू मॉड्यूल की वापसी और रिकवरी सिस्टम में आगरा के एडीआरडीई के पैराशूट का इस्तेमाल किया जाएगा. इन पैराशूट को तैयार किया जा चुका है. इनसे मलपुरा पैरा ड्रॉपिंग जोन में ट्रॉयल किया जा रहा है. यह दो साल और चलेगा. 2022 में मिशन शुरू होने से ऐन पहले तक अलग-अलग ऊंचाई से जंपिंग का अभ्यास किया जाएगा. इसे देखने के लिए इसरो की टीम भी आगरा आ सकती है. आगरा के एडीआरडीई को इसके पैराशूट तैयार करने की जिम्मेदारी मिली थी. एडीआरडीई चंद्रयान और मंगलयान मिशन में अपनी विशेषज्ञता दिखा चुका है. गगनयान में वापसी के समय अंतरिक्ष से धरती की कक्षा में प्रवेश के बाद यात्री पानी या जमीन पर एडीआरडीई के पैराशूट लेकर आएंगे. क्रू मेंबर को सुरक्षित लेकर आएगा पैराशूट: वहीं इस बात का पता चला है कि किसी भी दुर्घटना की स्थिति में क्रू एस्केप सिस्टम अंतरिक्ष यात्रियों को सुरक्षित रखेगा. स्वदेशी रिकवरी सिस्टम में 6 पैराशूट रखे गए हैं. 31 मीटर व्यास के आखिरी पैराशूट क्रू मेंबर को सुरक्षित लेकर आएंगे. एडीआरडीई के निदेशक एके सक्सेना और उनकी टीम इस मिशन का हिस्सा बनने से बेहद उत्साहित हैं. संस्थान के एक अधिकारी ने बताया कि मलपुरा देश का सबसे बड़ा पैरा ड्रॉपिंग जोन होने के कारण पैराशूट का ट्रॉयल यहीं पर किया जारहा है. यह लगभग दो साल चलेगा. इसे देखने के लिए इसरो के अधिकारी भी आएंगे. इस मिशन के लिए इसरो और डीआरडीओ के बीच सहमति दी गई है. अंतरिक्ष यात्री भी आ सकते हैं आगरा: जानकारी के लिए हम आपको बता दें कि अभी पैराब्रिगेड के पैराजंपर ही पैराशूट से ट्रायल कर रहे हैं. मिशन के लिए तय किए गए अंतरिक्ष यात्रियों का पहले प्रशिक्षण होगा. इसके बाद ये आगरा आ सकते हैं, विशेष रूप से तैयार पैराशूट से पैराजंपिंग के लिए. हालांकि अभी इसका कार्यक्रम तय नहीं किया गया है. बांग्लादेश के पहले हिंदू चीफ जस्टिस के खिलाफ जारी हुआ गिरफ़्तारी का नोटिस, जानिए क्या है पुरा मामला ? उत्तर भारत में ठंड का कहर जारी, कोहरे के कारण 26 ट्रेनें हुई लेट मध्यप्रदेश: बर्बाद होता रहा गरीब का निवाला, तमाशा देखते रहे अधिकारी