नई दिल्ली. ‘पद्मावती’ फिल्म को लेकर जारी विवाद के बीच पहली बार बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने बयान दिया है. संसदीय कमेटी में फिल्म निर्देशक संजय लीला भंसाली की पेशी के बीच आडवाणी ने कहा कि हम फिल्म को लेकर फैसला सेंसर बोर्ड को करने दो कि भारत में फिल्म की स्क्रीनिंग हो सकती है या नहीं. उन्होंने कहा कि सीबीएफसी (केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड) को अपना काम करने दिया जाए. बता दें कि ‘पद्मावती’ विवाद को सुलझाने के लिए गुरुवार को भंसाली और सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष प्रसून जोशी संसद की सूचना और तकनीकी कमेटी के सामने पेश हुए. संसदीय कमेटी से करीब 3 घंटे से ज्यादा देर तक चली बैठक में भंसाली से कई सवाल किए गए. उन्हें कुछ सवालों के लिखित जवाब के लिए दो हफ्ते का वक्त दिया गया है. बैठक में उनसे कहा गया कि लोग किसी फिल्म के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन फिल्म की वजह से समाज में कोई दिक्कत नहीं हो, इसकी जिम्मेदारी सांसदों की है. सूत्रों के मुताबिक भंसाली ने कहा कि उनकी फिल्म इतिहास पर आधारित नहीं है बल्कि मलिक मोहम्मद जायसी की कविता पर आधारित है. संसदीय कमेटी के सामने प्रसून जोशी ने कहा, उन्होंने अभी तक फिल्म नहीं देखी है. फिल्म की सर्टिफिकेशन प्रक्रिया जारी है. फिल्म को पहले रीजनल कमेटी देखेगी और फिर सेंट्रल कमेटी. सेंसर बोर्ड पहले एक्सपर्ट्स की राय लेगा फिर किसी नतीजे पर पहुंचेगा. जोशी ने कहा कि पहले क्षेत्रीय कमेटी फिल्म को देखती है और जरूरत पड़ने पर केंद्रीय समिति फिल्म को देखेगी. फिल्म का विरोध करने वाले सदस्यों ने प्रोमो को भी वापस लेने की मांग की. मोदी-इवांका की सुरक्षा में लगी सेंध दिल्ली में खुल गया मैडम तुसाद म्यूजियम जेपी नड्डा सीआइपी को बनाएंगे सेंटर फॉर एक्सीलेंस