हवाई जहाज में सफर करना आरामदायक के साथ-साथ बेहद सुहाना भी होता है. लंबी दूरी का सफर महज कुछ मिनटों में सिमट जाता है. वैसे आपने हवाई जहाज में सफर तो कई बार किया होगा, लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि हवाई जहाज की खिड़कियां गोल या अंडाकार क्यों होती है? 1950 में जब हवाई जहाज से लोगों ने सफर करना शुरु किया तो उस समय हवाई चौकोर खिड़कियां होती थीं. 1953 में 2 हवाई जहाज क्रैश हुये, जिसमें 56 लोगों की जान चली गयी थी. हवाई जहाज के क्रैश होने की वजह चौकोर खिड़कियां मानी गई थी. हवाई जहाज में खिड़कियों में चौकोर कोने होने की वजह से कमजोर होते हैं, खिड़की के इस डिजाइन में चार कमजोर स्पॉट्स होंगे और प्रेशर पड़ने पर वो हवा में चटक सकते हैं. इस वजह से खिड़कियों को गोलाकार या कोनों को घुमावदार बनाया जाता है, जिससे प्रेशर वितरित हो जाता है और खिड़कियों के क्षतिग्रस्त होने की संभावना कम हो जाती है.