अफगानिस्तान पर लगातार आतंकवाद का साया मंडरा रहा है. इस सब के पीछे तालिबान और पाकिस्तान की मिली जुली साजिश बताई जा रही है. इस बात से खफा अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहिद खकान अब्बासी से टेलीफोन पर बातचीत करने से इनकार कर दिया. दिलचस्प बात यह है कि इस दौरान अशरफ गनी ने पीएम मोदी से फोन पर बातचीत की. अफगानिस्तान के राष्ट्रपति ने ट्वीट कर खुद इसकी जानकारी दी. सूत्रों के अनुसार अब्बासी ने गनी को काबुल में हुए आतंकी हमले के संबंध में अपनी संवेदना जताने के लिए फोन किया था, लेकिन गनी ने बात करने से इनकार कर दिया. इससे पहले अशरफ गनी ने काबुल में हुए हालिया हमलों से जुड़े सबूत को पाकिस्तानी सेना के साथ साझा करने के लिए अपना एक प्रतिनिधिमंडल इस्लामाबाद भेजा था. पाकिस्तान लंबे समय से अफगानिस्तान पर हमलों करने वाले आतंकी संगठनों को समर्थन देता आ रहा है. गौरतलब है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में पाकिस्तान के नाकाम रहने की स्थिति में उसके खिलाफ सख्त कदम उठाए जाने कि बात कही थी. ट्रंप ने इस साल अपने प्रथम ट्वीट में पाकिस्तान पर आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में दोहरे मानदंड का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया था. काबुल हमलो पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान से कहा था कि वह तालिबान के आतंकियों को फौरन अपने यहां से निष्कासित करे. काबुल में हुए सिलसिलेवार हमलों में करीब 100 लोग मारे गए थे. इसकी जिम्मेदारी आतंकी संगठन तालिबान और आईएस ने ली थी. तालिबान को डोनाल्ड ट्रंप की चेतावनी काबुल हमलों के पीछे पाक की साजिश ! धमाकों से दहला काबुल, 100 मौतें काबुल धमाके में 40 लोगों की मौत और 140 घायल