तालिबान के समक्ष अफ़ग़ानिस्तान ने रखी मुश्किल शर्त, पाकिस्तान को लेकर कही ये बात

काबुल: अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने मंगलवार को तालिबानी कैदियों की रिहाई के लिए आतंकी संगठन के समक्ष एक शर्त रख दी है। अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने तालिबान के सामने शर्त रखी है कि यदि वह अपने कैदियों की रिहाई चाहता है तो उसे  पाकिस्तान के साथ अपने रिश्ते समाप्त करने होंगे।

नांगरहर प्रांत में लोगों को संबोधित करते हुए गनी ने कहा कि, अफगान तालिबान अमेरिका से शांति समझौते पर दस्तखत करने के बाद आतंकवाद को सही नहीं ठहरा सकता है। गनी ने कहा कि, तालिबान नेताओं ने विदेशियों के साथ शांति समझौता कर लिया है तो अब आपके जिहाद के क्या मायने है। अफगानी साथियों को मारना एक अपराध है। उन्होंने कहा कि, यदि तालिबानियों ने अफगान वार्ता के लिए अपने कैदियों की रिहाई की शर्त रखी है, तो हमारी भी कुछ शर्तें हैं, उन्हें मुझे ये बताना चाहिए कि वे पाकिस्तान के साथ कब अपने रिश्ते स्थापित करने जा रहे हैं।

आपको बता दें कि पाकिस्तान लंबे समय से तालिबान को संरक्षण प्रदान करता रहा है और उसका तालिबान पर काफी प्रभाव है। तालिबान पर अपने इसी असर का इस्तेमाल पाकिस्तान भारत के विरुद्ध भी करता रहा है। बता दें कि कतर की राजधानी दोहा में 29 फरवरी को हुए शांति समझौते में अफगानिस्तान से 14 महीनों के अंदर अमेरिकी सेना की वापसी तय की गई है।

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