अफगानिस्तान में फिर हो सकते है राष्ट्रपति चुनाव, जाने क्या है इसकी पूरी वजह

काबुल: हाल ही में अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी बीते रविवार यानी 22 दिसंबर 2019 को घोषित प्रारंभिक नतीजों में भले ही अपनी कुर्सी बचाने में कामयाब हो चुके हो लेकिन उनकी मुश्किलें कम होती नहीं दिख रहीं. अफगानिस्तान के चुनाव शिकायत आयोग ने सोमवार को कहा कि उसे बहुत सी शिकायतें मिली हैं जिनकी वह समीक्षा कर रहा है. वहीं यह माना जा रहा है कि अगर शिकायत आयोग द्वारा की जा रही समीक्षा में गनी के वोटों का प्रतिशत 50 फीसद से कम हुआ तो दो शीर्ष दावेदारों (गनी और अब्दुल्ला-अब्दुल्ला) के बीच फिर से मुकाबला हो सकता है.

सूत्रों का कहना है कि मतदान के करीब तीन माह बाद रविवार को घोषित राष्ट्रपति चुनाव के प्रारंभिक नतीजों में गनी को 50.64 फीसद मत मिले थे. वहीं जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी अब्दुल्ला-अब्दुल्ला को 39.52 फीसद वोट मिले थे. चुनाव शिकायत आयोग के उप प्रमुख दीन मुहम्मद आजमी ने कहा, इस बात की बहुत संभावना है कि दूसरे चरण का चुनाव हो. शिकायतों और आपत्तियों की गहन समीक्षा की जरूरत है. इसमें पांच सप्ताह लग सकते हैं.

हम आपको बता दें कि गनी ने स्वतंत्र चुनाव आयोग (आइईसी) के निर्णय का स्वागत किया है. लेकिन अब्दुल्ला-अब्दुल्ला ने पूरे चुनाव की समीक्षा की मांग की है. अब्दुल्ला ने बीते रविवार को कहा गया था, इसमें कोई संदेह नहीं है कि अगर वैध मतों की गिनती की जाए तो मेरी ही जीत होगी. जंहा वर्तमान स्थिति 2014 की याद दिलाती है जब गनी और अब्दुल्ला ने एक-दूसरे पर बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया था. बाद में अमेरिका ने सुलह का रास्ता निकालते हुए गनी को राष्ट्रपति बनाया और अब्दुल्ला-अब्दुल्ला को मुख्य कार्यकारी नियुक्त किया गया. 

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