कोरोना: सुविधाओं की कमी से जूझ रहे अफ्रीकी देश, 10 लाख लोगों के लिए सिर्फ 5 बेड

केपटाउन: वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के मामले बढ़ने के बाद से अफ्रीका महादेश के अस्पतालों को इन दिनों इंटेंसिव केयर बेड और वेंटिलेटर्स की भारी कमी से जूझना पड़ रहा है. ये कहना है WHO यानी कि विश्व स्वास्थ्य संगठन का. गुरुवार को WHO ने बयान जारी कर कहा है कि अफ्रीका के 43 देशों के हॉस्पिटल्स में 5,000 से भी कम इंटेंसिव केयर बेड हैं.

उन्होंने कहा कि, 'अफ्रीकी देशों के वर्तमान हालात के अनुसार, जिन देशों में संक्रमण फैला है वहां एक मिलियन यानी कि दस लाख लोगों के लिए केवल पांच बेड का इंतज़ाम है, जबकि तुलनात्मक रूप से देखें तो यूरोपीय देशों में दस लाख लोगों के लिए 4000 बेड हैं.'  जाहिर है कोरोना वायरस के उपचार में अक्सर इंटेंसिव केयर यूनिट की आवश्यकता होती है, जहां पर मरीजों को वेंटिलेटर्स से सांस लेने में मदद मिलती है. किन्तु WHO के डाटा के अनुसार अफ्रीका के 41 देशों के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य निकाय में केवल 2000 वेंटिलेटर्स ही उपलब्ध हैं.

अफ्रीका में WHO निदेशक मातशिदिसो मोइति ने कहा कि, 'अफ्रीका में कोरोना वायरस मामलों से जूझने के लिए अस्पतालों में ट्रीटमेंट सुविधा की भारी कमी है.' आपको बता दें कि, अफ्रीका में अब तक संक्रमितों की कुल तादाद 11,500 है, जबकि 570 लोगों की मौत भी हुई है. दुनिया के अन्य देशों की तुलना में यहां अब तक कोरोना संक्रमण के केस कम देखने को मिले हैं. कई देशों में इस महामारी के डर से लोगों के जमा होने पर और कई शहरों में लॉकडाउन का ऐलान कर दिया गया है, जिससे कोरोना के संक्रमण को रोका जा सके.

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