जम्मू : 40 घंटे लगातार गोलीबारी करने के बाद सुंजवां में अब सन्नाटा है, एक अजीब सा सन्नाटा , आर्मी कैंप पर हुए आतंकी हमले की जवाबी कारवाही रविवार को ख़त्म हुई. जिसमे हमले में शामिल तीन आतंकियों को ढेर करने के बाद पूरे आर्मी कैंप का सेनेटाइजेशन का काम अभी जारी है, जो 12 फरवरी तक पूरा होगा. सूत्रों की अनुसार आतंकी इलाके में 10 महीनों से सक्रीय थे. कल हुई कार्यवाही की मुख्य बातें और ठिकानों की तलाशी में सेना को क्या क्या मिला जानिए आप भी - जैश-ए-मोहम्मद के तीनों आतंकी पिछले 10 महीनों से इस इलाके में सक्रिय थे. OGW की मदद से इस बड़े हमले को अंजाम दिया. स्थानीय साथियों ने इन्हें हथियार, कपड़े और जरूरी साजो-सामान मुहैया कराया. हमले के पीछे जैश-ए-मोहम्मद का हाथ. मरने वालो में क़री मुश्ताक, मोहम्मद आदिल और राशिद भाई नाम के आतंकी शामिल है. आतंकियों के बरामद सामान में अंडर गारमेंट्स और ड्रॉई फ्रूट्स और दूसरे खाने-पीने का सामान शामिल हैं. सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने ऑपेरशन के बारे में एनएसए (राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार) अजित डोभाल को जानकारी दी. एनएसए पीएम के साथ मस्कट में विदेश यात्रा पर मौजूद हैं. सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने खुद जम्मू पहुंचकर हालात का जायजा लिया. आतंकियों के खिलाफ सेना के हेलिकॉप्टरों और ड्रोनों की सहायता ली गई. बुलेटप्रूफ वाहनों से कैंप के पीछे के हिस्से में आवासीय क्वार्टर से लोगों को निकाला. इस हमले में 5 जवानों की शहादत हुई है. जबकि एक जवान के पिता की भी मौत हुई है. आतंकियों के हमले में महिला और बच्चों समेत 10 लोग घायल भी हुए हैं. पाकिस्तान की नापाक हरकत से गई महिला की जान सेना के हाथ लगा आतंकियों के खिलाफ बड़ा सबूत पाकिस्तान से अब सीधे युद्ध होगा : फारुख अब्दुल्ला