साल 2021 का अंत हो चुका है और बीता वर्ष हर किसी के लिए यादगार रहा, वहीं टोक्यो ओलंपिक में जहां महिलाएं एकतरफ मेडल जीतने से चूक गईं, वहीं पुरुष हॉकी टीम ने मेडल जीतकर वर्ष 2021 को यादगार बनाया है। टोक्यो ओलंपिक खेलों में पुरुष हॉकी टीमों ने प्रेरणादायक प्रदर्शन कर इतिहास रच चुकी है, जिसे युगों तक याद रखा जाने वाला है। पुरुष टीम ने ऐतिहासिक कांस्य पदक जीतकर पदक के 4 दशकों के सूखे को समाप्त कर दिया है। इंडियन मेन्स टीम खेल में पदक के 41 वर्ष की लम्बी प्रतीक्षा को खत्म करके अपने गौरवशाली अतीत को फिर से याद किया और एक नई सुबह की शुरुआत कर दी। ओलंपिक में इंडिया के सफर को याद करें तो उसने न्यूजीलैंड के विरुद्ध अपने पहले मुकाबले में 3-2 से जीत हासिल कर ली। हालांकि जिसके उपरांत दूसरे मैच में उसे ऑस्ट्रेलिया के हाथों 1-7 से शर्मनाक हार को झेलना पड़ा था। लेकिन जिसके उपरांत इंडियन टीम ने धमाकेदार वापसी की और फिर स्पेन को 3-0, अर्जेंटीना को 3-1 और जापान को 5-3 से मात दी। इस के साथ इंडियन टीम ग्रुप-ए में पांच में से चार मुकाबले जीतकर दूसरे स्थान पर ही थे। मनप्रीत सिंह की अगुवाई में टीम ने क्वार्टरफाइनल में ग्रेट ब्रिटेन को एकतरफा मुकाबले में 3-1 से मात दे दी है। इस जीत के साथ ही इंडियन टीम 49 वर्ष के उपरांत ओलंपिक के सेमीफाइनल में पहुंचने में सफल हो गई। सेमीफाइनल में पुरुष हॉकी टीम को बेल्जियम से 5-2 से मात मिली। जिसके उपरांत ब्रॉन्ज मेडल के लिए हुए मैच में भारत ने ग्रेट ब्रिटेन को 5-4 से हराकर इतिहास रच दिया। टीम ने 41 वर्ष के सूखे को खत्म करते हुए ब्रॉन्ज मेडल भी जीत लिया है। ओलंपिक में भारत की हॉकी टीम को अंतिम पदक 1980 में मॉस्को में मिला था, जब वासुदेवन भास्करन की कप्तानी में टीम ने गोल्ड जीत लिया था। भारत ने ओलंपिक में सबसे अधिक मेडल पुरुष हॉकी में जीत हासिल कर ली थी। टीम ने 1928, 1932, 1936, 1948, 1952, 1956, 1964 और 1980 ओलंपिक में गोल्ड मेडल भी जीत चुकी है। जिसके अतिरिक्त 1960 में सिल्वर और 1968, 1972 और टोक्यो ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम कर चुकी है। भारतीय हॉकी में हुए इस कमाल ने हर किसी को इमोशनल किया है । वर्ष 2021 में PV सिंधु ने भारत को दिलाया था ब्रॉन्ज मैडल बेहतरीन रहा 2021: मीरा बाई चानू ने भारत को दिलाया था मैडल EPL: रोनाल्डो के शानदार प्रदर्शन ने टीम को एक बार फिर दिलाई जीत