इस बार 14 फरवरी को वैलेंटाइन डे के साथ बसंत पंचमी भी है। इससे पहले वर्ष 1967 में बसंत पंचमी तथा वैलेंटाइन डे एक ही दिन पड़ा था, जिसके बाद पूरे 57 वर्ष पश्चात् ऐसा अवसर है। 57 वर्षों के बाद ऐसा योग बनने की वजह से यह दिन बहुत ही शुभ होने वाला है। उस वक़्त भारत में वैलेंटाइन डे के बारे में बेहद ही कम लोगों को पता था, तो मुख्यतौर पर बसंत पंचमी ही मनाई जाती थी। बसंत पंचमी का दिन होने के कारण इस बार वैलेंटाइन डे खास होगा। सनातन धर्म में पीला गुलाब मित्रता, आनंद एवं उत्साह का प्रतीक होता है, बसंत पंचमी पड़ने की वजह से लाल गुलाब से अधिक पीला गुलाब अहम रहेगा। पीला गुलाब उमंग, गहरी दोस्ती एवं विश्वास का प्रतीक भी माना जाता है। ऐसे में वैलेंटाइन डे पर लाल गुलाब की जगह पीला गुलाब देना बेहद शुभ है। बसंत पंचमी शिक्षा, प्रेम, बुद्धि के उत्सव का प्रतीक होगी। किसी मनुष्य की भावनाओं का सर्वोच्च स्तर होता है उसका प्रेम। अच्छी शिक्षा एवं सच्चा प्रेम उस व्यक्ति को जीवन में ऊपर लेकर जाता है। ऐसे में वैलेंटाइन डे एवं बसंत पंचमी का एक साथ आना प्रेम और शिक्षा का अच्छा कॉम्बिनेशन है। साथ ही बसंत पंचमी का दिन सभी शुभ कार्यों जैसे शादी-विवाह आदि के लिए सबसे उत्तम रहेगा। बसंत पंचमी देवी सरस्वती का जन्म दिन माना जाता है। इस दिन उनकी पूजा की जाती है। इस दिन जितना हो सकते पीली चीजों का उपयोग करें। देवी सरस्वती को पीले फूल एवं फल चढ़ाएं एवं यदि वैलेंटाइन पर किसी को फूल देना चाहते हैं तो लाल की जगह पीला गुलाब का फूल दें। बसंत पंचमी एवं वैलेंटाइन डे प्रेम, ज्ञान, बुद्धि, शिक्षा एवं भारतीय संस्कारों का संयोग बनकर एक साथ आ रहे हैं। इसी दिन से भारतीय प्रेम उत्सव का आरम्भ होता है जो कि बंसत पंचमी के दिन से लेकर रंग पंचमी तक चलता है। रंग पंचमी होली के 5 दिन बाद पड़ती है। इस वर्ष होली 25 मार्च को पड़ेगी एवं रंग पंचमी का उत्सव 30 मार्च को मनाया जाएगा। इस तरह डेढ़ महीने तक भारतीय प्रेम उत्सव या भारतीय वैलेंटाइन रहेगा। गुप्त नवरात्रि में करें इन 10 महाविद्याओं के चमत्कारी मंत्रों का जाप, दूर होगी हर समस्या आज गुप्त नवरात्रि का तीसरा दिन, जानिए कैसे हुई मां त्रिपुरसुंदरी की उत्पत्ति? मां दुर्गा को 9 दिन लगाएं ये भोग, पूरी होगी हर मनोकामना