डेढ़ महीने बाद पटरी पर लौट आया उद्योगों का काम, श्रमिकों के साथ उत्पादन हुआ शुरु

लॉकडाउन के चलते हर क्षेत्र पर आर्थिक संकट गहराता जा रहा है. इस लॉकडाउन के लंबे होते दौर और तमाम अन्य दुश्वारियों के बीच मध्य प्रदेश का उद्योग जगत पटरी पर अब लौटने लगा है. करीब डेढ़ महीने बाद कारखानों में उत्पादन शुरू हो गया है. इससे गिरती अर्थव्यवस्था के संभलने की उम्मीदें भी जागी हैं. इस खतरनाक महामारी के दौर में सबसे खास ये है की दवा कंपनियों में उत्पादन शुरू होना. दवाएं, जो इस कोरोना काल में जीवन की आस बंधाती हैं, जीने की उम्मीदें कायम करती हैं. ऐसी ही एक जानी-मानी दवा कंपनी भोपाल के समीप मंडीदीप में है, जहां से दुनिया भर में दवाएं भेजी जाती हैं. यह कंपनी है ल्यूपिन फार्मा, जहां पूरी क्षमता से तीनों पाली में उत्पादन के साथ ही निर्यात भी शुरू हो चुका है.

दरअसल, फार्मा उद्योग में मप्र की पहचान और दुनिया के दवा उद्योग में मध्य प्रदेश को पहचान दिलाने वाली ल्यूपिन फार्मा कंपनी में कारोबार एक बार फिर पटरी पर लौट आया है. दुनिया के 100 देशों को ल्यूपिन से हर साल करीब 1000 करोड़ की दवाएं निर्यात की जाती हैं. जेनेरिक दवा बनाने में ल्यूपिन ने विश्व में चौथा स्थान हासिल किया हुआ है. अमेरिका सहित कई देशों को हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन नामक दवा ल्यूपिन द्वारा भेजी जा रही है. इस कंपनी ने कोरोना संकट के दौर में अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है.

बत्रा दें की लॉकडाउन के दौर में मध्य प्रदेश के उद्योग जगत में हलचल की बात अगर करें तो पूरे प्रदेश में स्थापित 370 में से 330 बड़े उद्योग शुरू हो चुके हैं. ये वो औद्योगिक इकाइयां हैं, जिनमें कम से कम 10 करोड़ से ज्यादा का निवेश किया गया है. इन उद्योगों में 1 लाख 10 हजार मजदूर काम कर रहे हैं. मध्य प्रदेश ऐसा राज्य है, जहां 22 हजार 232 एमएसएमई यानि सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग है, जिसमें से 70 प्रतिशत शहरी क्षेत्रों में हैं.

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