अन्नाद्रमुक समन्वयक ओ पन्नीरसेल्वम और सह-समन्वयक एडप्पादी पलानीस्वामी ने 12 जुलाई को एक संयुक्त बयान जारी कर मीडिया बहसों के बहिष्कार पर पार्टी के फैसले की घोषणा की। इसके बाद पार्टी नेतृत्व ने अपने प्रवक्ताओं को भी इसमें भाग लेने से रोक दिया। बयान पर पार्टी नेतृत्व ने आरोप लगाया कि मीडिया जानबूझकर ऐसी बहस कर रहा है जिससे पार्टी और उसके नेताओं की छवि धूमिल हो रही है। वही यह फैसला तब आया है जब तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जे जयललिता की करीबी सहयोगी वीके शशिकला की वापसी पर समाचार मीडिया और सोशल मीडिया प्रभावित व्यापक रूप से चर्चा कर रहे हैं। AIADMK के स्वयंसेवकों के साथ शशिकला की दैनिक फोन पर बातचीत हाल ही में शीर्ष कहानियां रही हैं, जहां उन्होंने विधानसभा चुनाव में हार के लिए पार्टी के वर्तमान नेतृत्व पर आरोप लगाया और आलोचना की और अपने इरादे स्पष्ट किए कि वह AIADMK पर कब्जा करने का लक्ष्य रखती है। ऑडियो टेप के लगातार लीक होने से सियासी क्षेत्र में हलचल मच गई है। ओपीएस और ईपीएस ने अपने संयुक्त बयान में कहा कि मीडिया, जो लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है, लोगों की समस्याओं की परवाह नहीं करता है, बल्कि बहस के लिए ऐसे विषयों को चुनने की कोशिश करता है जो अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम और के गौरव को नीचा दिखाते हैं। इस तरह की चर्चाएं दर्दनाक होती हैं। उन्होंने टीवी चैनलों से उन लोगों को आमंत्रित करना बंद करने का भी आग्रह किया जो अन्नाद्रमुक पार्टी और उसके विचारों का प्रतिनिधित्व करने का दावा करते हैं। सीएम योगी की कार्यशैली के मुरीद हुए पीएम मोदी, बोले- आज यूपी में कानून का राज भाजपा के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष के. अन्नामलाई कल संभालेंगे अपना कार्यभार पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष बनेंगे सिद्धू, अमरिंदर बने रहेंगे सीएम... कांग्रेस ने खोजा 'सुलह' का फॉर्मूला