NFT यानी नॉन फंजिबल टोकन, एक डिजिटल सम्पति भी है। यह ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारित है। जिसकी सहायता से फोटोज, GIF, वीडियो क्लिप, पेंटिंग और अन्य डिजिटल संपत्तियों का मालिकाना हक भी तय कर लिया जाता है। जिसके उपरांत इसकी खरीद-बिक्री की जाती है। NFT की खरीद और बिक्री डिजिटल रूप में होने वाली है। सरल शब्दों में बोले तो किसी डिजिटल संपत्ति को NFT कराने का मतलब उसका मालिकाना हक़ लेना होता है। अगर आप कोई NFT खरीदते हैं तो आपको एक टोकन भी दिया जा रहा है। यह टोकन इस बात का सबूत होता कि आप उस डिजिटल संपत्ति के असली मालिक हैं। यानी आप उस डिजिटल संपत्ति को अपने हिसाब से बेचे जा रहे है। समझिए एनएफटी की और सामान्य खरीद-बिक्री में अंतर: रिपोर्ट्स की माने तो फंजिबल वस्तुओं को समान मूल्य की वस्तुओं से परिवर्तित किया जा सकता है। उदाहरण के तौर पर 10 रुपये के एक नोट को दूसरे 10 रुपये के नोट से बदला जाने वाला है। क्रिप्टोकरेंसी भी फंजिबल होती हुई नज़र आ रही है। लेकिन NFT के साथ ऐसा नहीं है, जो इसे अलग बना रहा है। क्रिप्टोकरेंसी की तरह NFT की खरीद-बिक्री के लिए विशेष प्लेटफॉर्म भी बताया जा रहा है। किसी NFT की बिक्री का यह मतलब नहीं है कि जिस संपत्ति के लिए टोकन है वह वस्तु भी भेज दी गई है। उदाहरण के तौर पर कई प्रसिद्ध पेंटिंग की NFT भी बेचीं जा चुकी है लेकिन खरीदार को पेंटिंग नहीं मिल रही है। यहां कीमत वस्तु से अधिक NFT के मालिकाना हक के प्रमाणपत्र की होती है। यह प्रमाणपत्र एक डिजिटल वालेट में ही रहता है। भारत में कई शख्सियतों ने लॉन्च किए एनएफटी कलेक्शन: ग्राफिक डिजाइनर, डिजिटल आर्टिस्ट, डिजिटल गेमिंग इंडस्ट्री के लोग NFT पर अपनी संपत्तियां खूब बेचे जा रहे है। जिसके साथ साथ कई हस्तियों ने भी अपने NFT कलेक्शन को भी पेश किया जा चुका है। भारतीय शख्सियतों में अमिताभ बच्चन, सनी लियोनी, क्रिकेटर दिनेश कार्तिक जैसे कई लोग शामिल हैं, जो एनएफटी की दुनिया में दस्तक दे चुके हैं। Budget 2022: BSNL के हाथ आए 44 हजार करोड़ रुपए से अधिक, जानिए VRS कितना मिलेगा फंड अमेज़न पर आज जीते हजारों रुपए का इनाम बिहार सरकार ने उठाया बड़ा कदम, टाटा के साथ किया समझौता