लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मेरठ में निगम और नगर पंचायत का शपथ ग्रहण समारोह के दौरान वंदेमातरम् के गान का ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (AIMIM) के सदस्यों ने विरोध किया। इसके बाद भाजपा के सदस्यों के साथ उनकी जमकर हाथापाई हुई। मेरठ के चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी स्थित नेताजी सुभाषचंद्र बोस ऑडिटोरियम में शुक्रवार (26 मई) को शपथ ग्रहण का समारोह वंदेमातरम के साथ आरंभ हुआ। इस दौरान AIMIM के सदस्य अपनी सीट पर बैठे रहे। जब भाजपा के सदस्यों ने उन्हें कम से कम खड़े होने के लिए कहा, तो वे भड़क गए और मारपीट करने लगे। स्थिति को देखते हुए पुलिसकर्मी आगे आए और उन्होंने AIMIM एवं भाजपा के सदस्यों को बाहर निकाला। इसके बाद AIMIM के सदस्यों ने समारोह का बॉयकॉट कर दिया और वहाँ से चले गए। शपथ ग्रहण के दौरान मेरठ की आयुक्त जे सेल्वा कुमारी मेयर और पार्षदों को शपथ दिलाने आई थीं। वह स्टेज पर बैठी हुई थीं। वहीं, डीएम और SP ट्रैफिक पुलिस बल के साथ व्यवस्था सँभाले हुए थे। AIMIM के सदस्यों ने कहा कि वे राष्ट्रगान गा लेंगे, भारत हिंदुस्तान जिंदाबाद बोल देंगे, मगर वंदेमातरम नहीं गाएँगे। AIMIM के सदस्यों ने दलील दी कि यह कार्यक्रम भाजपा का नहीं है। यह मेयर और पार्षदों का कार्यक्रम है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि शपथ ग्रहण समारोह के दौरान भाजपा ने गुंडागर्दी की और वो भी जिलाधिकारी और पुलिस अधिकारियों की उपस्थिति में की। वहीं, भाजपा के सदस्यों का कहना है कि ये लोग जिन्ना के मानने वाले लोग हैं, ओवैसी के लोग हैं, जो देश का बँटवारा चाहते हैं। उन्होंने कहा कि जो वंदेमातरम नहीं गाएगा, उसे मुँहतोड़ जवाब दिया जाएगा। बता दें कि, ओवैसी शुरू से ही वन्दे मातरम और भारत माता की जय के नारे का विरोध करते रहे हैं, वे कहते हैं कि, 'मेरी गर्दन पर चाक़ू भी रख देंगे तो भी मैं भारत माता की जय नहीं बोलूंगा।' दरअसल, इसके पीछे वो कारण बताते हैं कि, इस्लाम में अल्लाह के अलावा किसी और की जय नहीं बोली जा सकती, इसलिए वो भारत माता की जय और वन्दे मातरम नहीं बोलेंगे, क्योंकि वन्दे मातरम भी भारत माता की स्तुति ही है। हालाँकि, मेरठ में हुए घटनाक्रम को देखने के बाद एक सवाल ये उठता है कि, ओवैसी की पार्टी के लोग, अपने मजहब के आधार पर वन्दे मातरम गाने से इंकार कर रहे हैं, हालाँकि, भारत में इतनी आज़ादी सबको है कि, वो क्या गाएं और क्या नहीं ? ये फैसला उनका निजी होता है। लेकिन क्या, देश के राष्ट्रगीत के सम्मान में ओवैसी की पार्टी के लोग खड़े भी नहीं हो सकते, वो भी तब जब वे जनप्रितिनिधि हैं ? ये भी गौर करने वाली बात है कि, इन्ही ओवैसी ने सांसद पद की शपथ लेते समय जय भीम-जय मीम के नारे लगाए थे, तो क्या ये अल्लाह के अलावा किसी और की जय नहीं थी ? तो भारत माता के सपूत और संविधान निर्माता भीमराव आंबेडकर की जय बोली जा सकती है, तो भारत माता की क्यों नहीं ? गौर करने वाली बात ये भी है कि, अमर शहीद अशफाक उल्ला खान, वीर अब्दुल हमीद, मिसाइलमैन डॉ अबुल कलाम आज़ाद को मुसलमान होने के बावजूद वंदे मातरम् गाने से कोई समस्या नहीं थी, तो आज AIMIM के सदस्यों में ऐसी सोच कहाँ से आई ? नीति आयोग की बैठक का भी बहिष्कार करेंगे नितीश-ममता और केजरीवाल, 8 बेहद अहम बैठक पर पीएम मोदी करेंगे चर्चा MP में हो रही चीतों की मौत पर साउथ अफ्रीकी एक्सपर्ट ने दी ये चेतावनी MP से आई दुखद खबर, कूनो नेशनल पार्क में हुई 2 और शावकों की मौत, 1 की हालत गंभीर