संगीत एक सामग्री है जो मनोभाव, आभास और विचारों को व्यक्त करने का एक श्रेष्ठ माध्यम है। यह न केवल हमें आनंद और मनोरंजन प्रदान करता है, बल्कि हमारे जीवन को भी गहराई और सार्थकता के साथ भर देता है। संगीत के अनेक आवाज, सुर, लहरें और रागों का उपयोग होता है जो हमें आत्मसात करने और अपने भावनाओं को व्यक्त करने का अद्वितीय तरीका प्रदान करता है। इस लेख में हम इस विषय पर विस्तार से चर्चा करेंगे - "संगीत के 7 सुर"। संगीत के 7 सुर का विवरण सा (Sa) - यह सुर मुख्य ध्वनि होती है और इसे माध्यम स्वर के रूप में भी जाना जाता है। इसे दो नीली स्थानों या सुरों से पहले पंक्ति में लिखा जाता है। रे (Re) - यह सुर दूसरी स्थान या सुर होती है और इसे पीले रंग के स्थान पर पंक्ति में दिखाया जाता है। ग (Ga) - यह सुर तीसरे स्थान पर स्थित होती है और इसे लाल रंग के स्थान पर पंक्ति में दिखाया जाता है। म (Ma) - यह सुर चौथे स्थान पर होती है और इसे ग्रीन रंग के स्थान पर पंक्ति में दिखाया जाता है। प (Pa) - यह सुर पांचवे स्थान पर स्थित होती है और इसे भूरे रंग के स्थान पर पंक्ति में दिखाया जाता है। ध (Dha) - यह सुर छठे स्थान पर स्थित होती है और इसे ग्रे रंग के स्थान पर पंक्ति में दिखाया जाता है। नी (Ni) - यह सुर सातवे स्थान पर स्थित होती है और इसे नारंगी रंग के स्थान पर पंक्ति में दिखाया जाता है। प्रमुख संगीत सुर के बारे में बात करें- सा (Sa) सा सुर भारतीय संगीत में सबसे महत्वपूर्ण स्वर माना जाता है। इसे साधारणतः स्थिर स्वर के रूप में जाना जाता है, लेकिन इसके अलावा इसे न्यास स्वर और आदिष्ठान स्वर के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है। सा सुर को उच्चारित करने से मन को शांति मिलती है और इसकी ध्वनि धीरे-धीरे शुरू होती है और फिर धीरे-धीरे समाप्त होती है। म (Ma) म सुर को शक्तिशाली और मधुर स्वर माना जाता है। यह स्वर धीरे से शुरू होता है और फिर उच्चारित होते ही ध्वनि में विशेष बदलाव होता है। म सुर का उच्चारण करने से मन में शांति और सुकून का अनुभव होता है। नी (Ni) नी सुर को ऊँचा और चमकीला स्वर माना जाता है। इसकी ध्वनि चमकदार होती है और इसे उच्चारित करने से आनंद और उत्साह का अनुभव होता है। नी सुर को ध्यान देने से मन की स्पष्टता और उजागरता में सुधार होता है। भारतीय संगीत की महत्वपूर्ण धाराएं शास्त्रीय संगीत - यह भारतीय संगीत की मुख्य शाखा है और इसे क्लासिकल संगीत के नाम से भी जाना जाता है। इसमें स्वर, राग, ताल और लय का विशेष महत्व होता है। लोक संगीत - यह भारतीय संगीत की जनजातीय और लोकतांत्रिक शाखा है। यह अपनी स्थानीयता, भूमिका और संस्कृति के आधार पर विभिन्न रूपों में प्रस्तुत होती है। भजन संगीत - यह भारतीय संगीत की धार्मिक शाखा है और यह मान्यता है कि भजन संगीत में संगीत की शक्ति और ध्वनि का विशेष महत्व होता है। फिल्मी संगीत - यह भारतीय संगीत की व्यावहारिक और मनोरंजक शाखा है। यह फिल्मों में उपयोग होने वाले गानों को संगीत के माध्यम से प्रस्तुत करती है। संगीत का आनंद लें और संगीत से जुड़े फायदे संगीत सुनना, गाना और बजाना हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभकारी होता है। यह हमें स्वस्थ, सक्रिय और स्तरबद्ध रखता है। कुछ महत्वपूर्ण फायदे निम्नलिखित हैं: तनाव को कम करें - संगीत मन को शांत करने और तनाव को कम करने में मदद करता है। यह मन को आराम और सुकून प्रदान करता है और तनाव को दूर करने में सहायता करता है। मनोदशा को सुधारें - संगीत का सुनना मनोदशा को सुधारने और खुशहाली की भावना प्रदान करने में मदद करता है। यह मन को प्रसन्न और उत्साहित रखता है और मानसिक चिंताओं को कम करता है। संगीत और संगीत शिक्षा का विकास - संगीत का सुनना और गाना मन की शक्ति और विकास में मदद करता है। संगीत शिक्षा मन की एकाग्रता, समय प्रबंधन और संगीतीय कौशल का विकास करती है। अभिव्यक्ति का माध्यम - संगीत एक शानदार अभिव्यक्ति का माध्यम है। इसके माध्यम से हम अपने भावनाओं, विचारों और आत्मीयता को व्यक्त कर सकते हैं। समृद्ध संबंधों का संरक्षण - संगीत मनोहारी होता है और लोगों को एक साथ लाता है। यह समृद्ध संबंधों को बनाए रखने में मदद करता है और एक साथ गाने या संगीत का आनंद लेने से लोग एक-दूसरे के साथ कनेक्ट होते हैं। डैमेज जीन्स के बाद चलन में आया क्रॉप टॉप, जानिए कैसे होता है इसका निर्माण अब आप भी अपने घर पर बना सकते है डैमेज जींस अचानक जिंदा आदमी को निगल गई शार्क, दिल थामकर देंखे VIDEO