आज के युग में अनुवाद एक बहुत ही अहम् कारक बन चुका है। अंतर्राष्ट्रीय अनुवाद दिवस प्रत्येक वर्ष 30 सितंबर को सेलिब्रेट किया जाता है। अंतर्राष्ट्रीय अनुवाद दिवस सेंट जेरोम की दावत पर सेलिब्रेट किया जाता है, जो बाइबल अनुवादक है जो अनुवादकों के संरक्षक संत के रूप में जाने जाते है। विश्व भर में अनुवाद समुदाय की एकजुटता दिखाने के लिए एफआईटी द्वारा एक अनुमोदित मान्यता प्राप्त अंतर्राष्ट्रीय अनुवाद दिवस का उद्देश्य साल 1991 में को ही आरंभ कर दिया गया था। इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ ट्रांसलेटर्स (FIT) का स्थापन 1953 में हुआ था। साल 1991 में, FIT ने पूरे विश्व में अनुवाद समुदाय की पहचान के लिए अंतर्राष्ट्रीय अनुवाद दिवस मनाने का विचार शुरू कर दिया गया। 24 मई 2017 को, संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 30 सितंबर को अंतर्राष्ट्रीय अनुवाद दिवस के रूप में घोषित करने का फैसला कर लिया गया । ड्राफ्ट संकल्प A / 71 / L.68 के हस्ताक्षरकर्ता देश कई संगठनों के साथ अज़रबैजान, बांग्लादेश, बेलारूस, कोस्टा रिका, क्यूबा, इक्वाडोर, पैराग्वे, कतर, तुर्की, तुर्कमेनिस्तान और वियतनाम थे। इंटरनेशनल ट्रांसलेशन डे का महत्व एक दूसरे से जुड़ने वाले राष्ट्रों में पेशेवर अनुवाद की भूमिका है। यह दिन विश्वभर में अनुवाद समुदाय की एकजुटता प्रदर्शित करने के लिए समर्पित है। यह कई देशों में अनुवाद के पेशे का समर्थन करने की कोशिश है और जरूरी नहीं कि केवल ईसाई देशों में ही हो। अनुवाद एक ऐसा पेशा है जो प्रगतिशील वैश्वीकरण के दौर में एक आवश्यक जरूरत बन चुका है। T-20 वर्ल्ड कप में इस खिलाड़ी को टीम इंडिया का कप्तान देखना चाहते हैं सुनील गावस्कर वर्ल्ड हार्ट डे पर कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने लिया खास संकल्प साउथ कोरिया और चीन के दूतों ने नार्थ कोरिया के मिसाइल प्रक्षेपण पर की चर्चा