हाल ही में उत्तर प्रदेश के हाथरस से एक दिल दहलाने वाली घटना सामने आई है, जहां काले जादू के चलते एक 11 साल के मासूम बच्चे की जान ले ली गई। यह घटना समाज के लिए एक गंभीर चिंता का विषय बन गई है, क्योंकि आज के आधुनिक दौर में भी जादू-टोने और अंधविश्वास के चलते मासूमों की बलि दी जा रही है। हाथरस की घटना हाथरस के डीएल पब्लिक स्कूल में पढ़ने वाले 11 साल के बच्चे का शव स्कूल प्रबंधक की गाड़ी में मिला था। पुलिस ने इस हत्या के मामले में स्कूल के प्रबंधक दिनेश बघेल और उसके पिता यशोदन सहित पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। जांच में पता चला है कि दिनेश के पिता यशोदन तांत्रिक था और उसने स्कूल की तरक्की और कर्ज से छुटकारा पाने के लिए बच्चे की बलि देने का फैसला किया था। काले जादू और मानव बलि के आंकड़े नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के अनुसार, साल 2022 में पूरे देश में मानव बलि के 8 मामले सामने आए थे। अगर पिछले सालों की बात करें तो 2014 से 2022 तक इस तरह की 111 घटनाएं दर्ज की गईं। यह केवल वही मामले हैं, जिनमें मानव बलि दी गई। इसके अलावा, कई ऐसे केस भी होते हैं जिनमें जादू-टोने या शक के आधार पर लोगों को मार दिया जाता है। जादू-टोने से मौत के आंकड़े NCRB के आंकड़ों के अनुसार, 2022 में जादू-टोने के कारण 85 लोगों की जान चली गई, जबकि 2021 में यह संख्या 68 थी। 2013 से 2022 के बीच कुल 1064 लोगों ने जादू-टोने के चलते अपनी जान गंवाई। खासकर महिलाओं को डायन बता कर मारने के मामले अधिक सामने आते हैं। छत्तीसगढ़, ओडिशा, मध्य प्रदेश और झारखंड जैसे राज्यों में ऐसे मामलों की संख्या ज्यादा है, जहां महिलाओं को अंधविश्वास के कारण डायन बताकर मौत के घाट उतार दिया जाता है। समाज के लिए एक चेतावनी यह घटना और आंकड़े साफ तौर पर दर्शाते हैं कि जादू-टोने और अंधविश्वास के चलते आज भी मासूम लोगों की जान जा रही है। समाज में जागरूकता की सख्त जरूरत है ताकि इस तरह की कुरीतियों और अंधविश्वासों पर लगाम लगाई जा सके। पत्नी जया को लेकर अमिताभ बच्चन को होती थी जलन? खुद किया खुलासा वो 'शापित' बंगला जिसमें तबाह हो गई 3 बड़े स्टार्स की जिंदगी दिन भर में 200 सिगरेट फूंक डालते थे अमिताभ बच्चन, इस कारण छोड़ दिया सब