ऑल इंडिया बैकवर्ड एंड माइनॉरिटी कम्युनिटीज इम्पॉयीज फेडरेशन ने आज यानि 25 मई को देशव्यापी बंद की घोषणा कर दी है। यह बंद केंद्र सरकार के उस निर्णय के विरुद्ध बुलाया गया है जिसमे केंद्र ने कहा है कि वह OBC के लिए जाति आधारित जनगणना नहीं करवाई जाने वाली है। बहुजन मुक्ति पार्टी के सहरानपुर जिला अध्यक्ष नीरज धीमन ने बोला है कि फेडरेशन जाति आधारित जनगणना के अलावा चुनाव में EVM से चुनाव नहीं कराए जाने की भी अपील की है। उन्होंने बोला है कि प्राइवेट सेक्टर में भी एससी, एसटी, ओबीसी आधारित आरक्षण होना चाहिए। BAMCEF द्वारा बुलाए गए देशव्यापी बंद को बहुजन मुक्ति पार्टी, बहुजन क्रांति मोर्चा ने भी अपना समर्थन भी डाला है। राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष विकास पटेल के नेतृत्व में इस बंद का आव्हान किया है। बहुजन मुक्ति पार्टी के कार्यकारिणी प्रदेश अध्यक्ष डीपी सिंह ने लोगों से मांग की है कि वह इस देशव्यापी बंद को सफल बनाएं। जातीय जनगणना की मांग को बुलंद करते हुए बोला है कि लोगों के पास वोट देने का अधिकार है, लिहाजा EVM को अनिवार्य नहीं बनाया जाने वाला है। सेंट्रल गवर्नमेंट ने किसानों के विरुद्ध जो कानून लाया उसे वापस लेना पड़ा लेकिन सरकार ने अभी तक MSP की गारंटी का कानून नहीं बनाया, हम मांग करते हैं कि इसे बनाया जाए। बहुज क्रांति मोर्चा के नेता वामन मेश्राम ने ये भी कहा है किया है कि कुछ ताकतें बंद को लेकर गलत अफवाह भी फैलाने लगे है और वह इसके माध्यम से तनाव बढ़ाना चाहते हैं। ये लोग माहौल को खराब करना चाहते हैं इससे कि लोगों का ध्यान बंद से हट जाए, खासकर कि OBC वर्ग का ताकि वह इस आंदोलन में शामिल नहीं हो पाएंगे। भारतीय युवा मोर्चा की ओर से बंद की जानकारी देते हुए बोला गया है कि इस दौरान हमारी अलग-अलग मांग है, जिसे स्वीकार करना जरुरी है। क्या है मुख्य मांगें चुनाव में ईवीएम के इस्तेमाल पर रोक जाति आधारित जनगणना प्राइवेट सेक्टर में एससी एसटी और ओबीसी को आरक्षण किसानों को एमएसपी कानूनी की गारंटी एनआरसी, सीएए, एनपीआर का लागू करने पर रोक ओल्ड पेंशन स्कीम को लागू करना ओडिशा, मध्य प्रदेश में ओबीसी आरक्षण आधारित पंचायत चुनाव वैक्सीन को अनिवार्य नहीं बनाया जाना है पर्यावरण संरक्षण की आड़ में आदिवासी लोगों का विस्थापन ना हो ये सुनिश्चित किया जाए गुजरात टाइटंस ने IPL 2022 के फाइनल में बनाई जगह, RR के कप्तान संजू सेमसन ने बताया हार का कारण भारत के कच्चे तेल के उत्पादन में 1 प्रतिशत की गिरावट सरकार ने 2 वित्त वर्ष के लिए 20 लाख मीट्रिक टन कच्चे सोयाबीन, सूरजमुखी तेल के आयात को अधिकृत किया