नई दिल्ली: दुनिया भर में कोरोना महामारी ने भारी आतंक मचा रखा है वही देश में कोरोना की सुनामी रोजाना नया रिकॉर्ड बना रही है तो मौत का सबसे भयावह अटैक भी कर रही है। बीते 24 घंटे में सारे आंकड़े पीछे छूट गए हैं। कोरोना का कांटा 2 लाख को भी पार कर गया है जबकि लगभग 1200 ज़िंदगी 24 घंटे में समाप्त हो गई है। आखिर क्यों इस बार कोरोना रफ़्तार से फैल रहा है तथा इससे कैसे बचा जा सकता है? आइए जानते हैं इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के पूर्व चीफ डॉ आर गंगाखेडकर इस पर क्या बोलते हैं- ICMR के पूर्व चीफ ने बताया, ''हमें याद रखना पड़ेगा कि यह दूसरी लहर है, हम पुराने वक़्त में कहते थे कि क्या कम्युनिटी ट्रांसमिशन है क्या, अब यह तो चारों ओर फैला हुआ ट्रांसमिशन है तथा इस ट्रांसमिशन में काफी रफ़्तार से बढ़ता दिखाई देगा। प्रत्येक स्थान पर इसके सीड पहुंच चुके हैं, लोगन को यह जो लग रहा था कि हम पहली लहर में जीत चुके हैं तथा हमारे देश ने इसे झुकाकर दिखाया, यह तो गलत था। जबतक यह संक्रमण पुरे विश्व में कहीं से गया नहीं तबतक हमें कोरोना नियमों का पालन करना है तथा इसे याद रखना है, जब भी कोई संक्रमण को हम पूर्ण रूप से समाप्त करने की सोचते हैं और वह कम होने लगता है, तो हमें प्रिवेंटिम मेजर कम करने की जगह बढ़ाना होता है। हमें इसपर खुश नहीं होना है कि हम जीत गए किन्तु यह कल्पना भर थी।'' उन्होंने कहा, ''अब इसका रिफ्लेक्शन कम्युनिटी में भी नजर आया तथा कम्युनिटी ने भी नियम फॉलो करना छोड़ दिए किन्तु हमारा मानना है कि जहां भी चाहिए कोरोना नियमों का पालन करें, शीघ्र से शीघ्र वैक्सीन लेने की कोशिश करें, जिस रफ़्तार से बढ़ रहा है उस तेजी से नहीं बढ़ेगा तथा शायद जल्द मामले घटेंगे। हम तो वेरिएंट को ब्लेम कर रहे हैं किन्तु पहले खुद के भीतर झांकने की आवश्यकता है, यदि मैंने नियमों का पालन नहीं किया तो मुझे संक्रमण का संकट रहेगा ही चाहे वेरिएंट कोई भी हो। लापरवाही छोड़नी होगी तथा खुद से नियमों का पालन आरम्भ कर दीजिए।'' यहां पर 24 घंटे हो रहे अंतिम संस्कार, ओवरटाइम कर रहे श्मशान घाट के सेवादार असम में कोरोना का तांडव, लगातार बढ़ रहा मौत का आंकड़ा पेंशन विनियामक निकाय ने सेवानिवृत्ति पर 40 प्रतिशत वार्षिकी रखने का दिया विकल्प दिया