असम की तरह अन्य राज्यों में भी एनआरसी की मांग उठी

नई दिल्ली । असम मे एनआरसी की लिस्ट मे 40 लाख लोगो की का नाम शामिल न होने से देश भर की राजनीति गरमा गयी है। एक तरफ संसद मे इस मुद्दे पर लगातार हँगामा हो रहा है तो वही दूसरी तरफ ममता बनर्जी जैसे अन्य बड़े नेताओ ने भी इसका ज़ोर-शोर से विरोध किया था। ममता बनर्जी ने तो ये तक कहा था कि यदि बंगाल मे भी एनआरसी लागू की गई तो गृह-युद्ध और खून-खराबा के हालात बन सकते है।

लेकिन इन सभी विरोधो के बावजूद देश के अन्य राज्यो मे भी एनआरसी के जरिये अवेध तरीके से रह रहे लोगो की पहचान करने की मांग उठ रही है। अभी हाल ही मे दिल्ली में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने दिल्ली सरकार से राष्ट्रीय राजधानी में अवैध रूप से रह रहे रोहिंग्याओं और बांग्लादेशियों की पहचान कर उन्हें बाहर करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यहां अवैध रूप से रहने वाले लोग गरीबों को उनके अधिकारों से वंचित कर रहे हैं। तिवारी ने पत्रकारों को बताया कि उन्होंने इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को चिट्ठी लिखी है।

दरअसल दिल्ली-एनसीआर सहित देश के अन्य हिस्सों में भी अवैध रूप से रह रहे गैर भारतीय प्रवासी एक गंभीर समस्या हैं। एक अनुमान के मुताबिक दिल्ली-एनसीआर में लाखों की तादात में अवैध रूप से बांग्लादेशी व रोहिंग्या मुस्लिम रह रहे हैं। आपको बता दें कि असम की तर्ज पर अब झारखंड मे भी सीमावर्ती जिलों मे पैठ बना रहे बांग्लादेशी घुसपैठिए चिन्हित किए जाएंगे। इस अभियान के लिए झारखंड राज्य सरकार ने इस केंद्र से अनुमति मांगी है।

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