नई दिल्ली: चंद्रयान 3 की सफल लॉन्चिंग के बाद अब भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ISRO अब गगनयान प्रोजेक्ट में जुट गई है। इस प्रोजेक्ट में 3 लोगों को 3 दिन के लिए अंतरिक्ष में भेजा जाएगा। उन्हें 400 किमी की कक्षा में लॉन्च करके वापस लाकर समुद्र में उनकी लैंडिंग कराई जाएगी। ISRO ने बुधवार (19 जुलाई) को तमिलनाडु के महेंद्रगिरि में इसरो प्रोपल्शन कॉम्प्लेक्स में गगनयान सर्विस मॉड्यूल प्रोपल्शन सिस्टम (SMPS) का सफल टेस्टिंग कर ली है। गगनयान का सर्विस मॉड्यूल एक बाई प्रोपेलेंट बेस्ड प्रोपल्शन सिस्टम है। जो अंतरिक्ष में जाने के दौरान ऑर्बिटल मॉड्यूल की आवश्यकताओं को पूरा करता है। इसमें ऑर्बिट इंजेक्शन, सर्कुलराइजेशन, ऑन-ऑर्बिट कंट्रोल, डी-बूस्ट पैंतरेबाज़ी और एबोर्ट शामिल हैं। ISRO ने बताया कि हॉट टेस्टिंग 250 सेकंड तक चली। इसमें परीक्षण प्रोफाइल का पालन करते हुए RCS थ्रस्टर्स के साथ ही LAM इंजनों को कंटीन्यूड मोड में फायर किया गया। बता दें कि, गगनयान सर्विस मॉड्यूल प्रोपल्शन सिस्टम को लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम सेंटर (LPSC) ने डिजाइन और डेवलप किया गया है। ISRO ने पहले पांच हॉट टेस्ट थे, जो कुल 2,750 सेकंड के थे। बता दें कि, ISRO चीफ एस सोमनाथ ने गत माह बताया था कि भारत का पहला मानव रहित अंतरिक्ष मिशन गगनयान अगस्त के आखिर में लॉन्च कर दिया जाएगा, जबकि मानव सहित मिशन अगले साल लॉन्च किया जाएगा। भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला (PRL) में एक कार्यक्रम के मौके पर सोमनाथ ने कहा था कि गगनयान मिशन के लिए हमने एक नया रॉकेट तैयार किया है, जो श्रीहरिकोटा में तैयार है। क्रू मॉड्यूल और क्रू एस्केप सिस्टम को जोड़ने का कार्य आरम्भ हो चुका है। इस महीने के आखिर तक यह काम पूरा हो जाएगा और सभी टेस्ट कर लिए जाएंगे। परियोजना के हिस्से के रूप में ‘कक्षा में मानव रहित मिशन’ अगले साल के शुरु में होगा। सोमनाथ ने कहा था कि, गगनयान के क्रू सदस्यों की सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण है। इसके लिए हम प्रयास कर रहे हैं। 2014 तक ISRO ने लॉन्च किए थे 42 मिशन, बीते 9 सालों में कर डाले 47, भारत के अंतरिक्ष अभियान ने कैसे पकड़ी रफ़्तार? ISRO ने तीसरी बार सफलतापूर्वक बढ़ाई चंद्रयान-3 की कक्षा, चाँद के और भी करीब पहुंचा हमारा यान 'कर्नाटक से कहो, तमिलनाडु को कावेरी का पानी दे..', सीएम स्टालिन का केंद्रीय मंत्री को पत्र