केंद्र सरकार से संवाद के बाद नर्सों ने तोड़ी अपनी हड़ताल

नई दिल्ली - दिल्ली में जारी नर्सों की हड़ताल के व्यापक असर को देखते हुए आखिर केंद्र सरकार ने शनिवार देर रात तक चली बैठक में थोड़ा नरम रुख अख्तियार करते हुए नर्सों को भरोसा दिलाया कि वेतन बढ़ोतरी सहित उनकी तमाम मांगों को सरकार पूरा करेगी. सरकार के आश्वासन के बाद शनिवार रात नर्सों ने अपनी हड़ताल वापस ले ली. वेतन बढ़ोतरी संबंधी मांग के मामले में एक बार फिर 12 सितंबर को बैठक होनी तय हुई है. इसके अलावा गिरफ्तार नर्सों को रिहा करने, उन पर दर्ज मामलों को वापस लेने, हड़ताली नर्सों का वेतन न काटने सहित तमाम मांगें शनिवार को ही मान ली गर्इं.

उल्लेखनीय है कि नर्सों की बेमियादी हड़ताल के दूसरे दिन अस्पतालों में अफरातफरी का आलम रहा. मरीजों की भारी भीड़ को देखते हुए डॉक्टरों के भी हौसले पस्त हो रहे. पहले ही काम के अधिक बोझ से दबे डॉक्टर नर्सों के भी काम अपने जिम्मे आने से और बेहाल रहे। शनिवार को तमाम अस्पतालों में से बड़ी संख्या में मरीजों  छुट्टी देकर घर भेज दिया गया. कुछ अस्पतालों से मरीजों को दूसरी जगह भेजा गया. राम मनोहर लोहिया अस्पताल में करीब 35 मरीजों के आॅपरेशन टालने पड़े. जबकि जानवरों के काटने से घायल हुए लोगों को वैक्सीन लगाने का काम नहीं हो पाया . इमरजेंसी मे आई एक घायल बच्ची को यह कह कर लौटा दिया गया कि सोमवार को आना. मजबूरी में लोगों ने निजी अस्पतालों का रुख किया. इसके अलावा भर्ती मरीजों की देखभाल पर भी असर पड़ा.

जबकि इसके पहले सरकार ने हड़तालियों के प्रति सख्त रुख अपनाया था.शनिवार को दिल्ली सरकार ने हड़ताल पर गर्इं नर्सों के खिलाफ एफआइआर करने व उन्हें बर्खास्त करने की चेतावनी दी थी. इसके साथ ही सरकार ने भर्ती प्रक्रिया शुरू कर इसके लिए विज्ञापन भी जारी कर दिया था. सोमवार को नर्सों की तदर्थ भर्ती के लिए साक्षात्कार करने का फैसला भी ले लिया गया. दिल्ली के मुख्य सचिव केके शर्मा ने दिल्ली सरकार के अधीन चल रहे अस्पतालों के चिकित्सा अधीक्षकों को निर्देश कि वे नर्सों की हाजिरी पुस्तिका का मुआयना करें व जो नर्स अनुपस्थित पाई जाती हैं, उनकी सूची तैयार करें.

सरकार द्वारा जारी बयान में धमकी दी थी कि हड़ताल में शामिल नर्सों के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई जाएगी. दिल्ली सरकार ने यह भी चेतावनी दी थी कि नर्सों के खिलाफ एस्मा कानून के तहत कार्रवाई की जा सकती है जिसमें नर्सों को हिरासत में लेने, गिरफ्तारी से लेकर उनकी बर्खास्तगी तक कुछ भी हो सकता है.उपराज्यपाल ने एस्मा के तहत हड़ताल को गैरकानूनी करार दिया था। इस अधार पर नर्सों के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती थी. बहरहाल, अब चूँकि नर्सों की हड़ताल खत्म हो गई है तो अस्पतालों की व्यवस्थाएं धीरे -धीरे पटरी पर आ जाएंगी.

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