डिलीवरी के बाद न्यू मॉम को पता होना चाहिए ब्रेस्टफीडिंग से जुड़ी इन दिक्कतों के बारे में...

प्रेग्नेंसी के दौरान माताएं अपने शरीर में हो रहे बदलावों पर ध्यान देती हैं, लेकिन ब्रेस्टफीडिंग के बारे में जरूरी जानकारी अक्सर कम ही मिलती है। इससे नई मां को डिलीवरी के बाद ब्रेस्टफीडिंग में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। यह लेख ब्रेस्टफीडिंग से जुड़ी आम समस्याओं और उनके समाधान के बारे में जानकारी प्रदान करता है ताकि मां और बच्चा दोनों स्वस्थ रह सकें।

1. दूध का बाहर नहीं निकलना नई मांओं को अक्सर डिलीवरी के बाद इस समस्या का सामना करना पड़ता है कि स्तनों से दूध तो होता है, लेकिन वह बाहर नहीं निकलता। यह समस्या तब होती है जब बच्चा सही तरीके से दूध नहीं पीता। समाधान के लिए, नई मां को अस्पताल की नर्स या परिवार के बड़े-बुजुर्गों से मदद लेनी चाहिए। दूध निकालने के लिए ब्रेस्ट पंप की जगह, स्तनों को सही तरीके से दबाना अधिक प्रभावी हो सकता है। इससे दूध बाहर आना शुरू हो जाता है और बच्चा आसानी से फीडिंग कर पाता है।

2. निप्पल का आकार बदलना निप्पल का आकार बदलना ब्रेस्टफीडिंग के दौरान सामान्य है। जैसे ही शरीर ब्रेस्टफीडिंग के लिए तैयार होता है, निप्पल और आसपास के एरिया, जिसे एरिओला कहते हैं, का रंग और आकार बदल जाता है। यह बदलाव सामान्य है और चिंता की बात नहीं है। समय के साथ, जब बच्चा सही तरीके से फीडिंग करेगा, तो निप्पल का आकार और रंग वापस सामान्य हो जाएगा।

3. निप्पल में दर्द ब्रेस्टफीडिंग के दौरान निप्पल में दर्द और घाव होना सामान्य है। इस दर्द को कम करने के लिए, दवा लगाना और निप्पल की साफ-सफाई का ध्यान रखना जरूरी है। प्रत्येक बार ब्रेस्टफीडिंग के बाद, निप्पल को गर्म पानी और साबुन से धोकर दवा लगाएं। इससे निप्पल के घाव जल्दी ठीक होंगे।

4. दर्द से राहत के उपाय निप्पल के दर्द से राहत पाने के लिए, फीडिंग के दौरान थोड़े से दूध को निप्पल पर लगाना फायदेमंद हो सकता है। इससे निप्पल पर होने वाले घाव से बचाव होता है और स्किन मुलायम रहती है, जिससे दर्द कम होता है।

5. दोनों निप्पल से फीड कराना ब्रेस्टफीडिंग के दौरान दोनों निप्पल का समान उपयोग करना महत्वपूर्ण है। इससे ब्रेस्ट का आकार समान रहता है और टिश्यू ढीले नहीं पड़ते। लगातार एक ही ब्रेस्ट से फीड कराने से ब्रेस्ट टिश्यू ढीले पड़ सकते हैं, इसलिए दोनों तरफ से फीड कराना आवश्यक है।

इस जानकारी को ध्यान में रखते हुए, नई मां ब्रेस्टफीडिंग की चुनौतियों का सामना आसानी से कर सकती है और अपने बच्चे को स्वस्थ और पोषणयुक्त दूध प्रदान कर सकती है।

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