नई दिल्ली: उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग की नाभिकीय हथियारों के परीक्षण की सनक ने पूरी दुनिया को परेशान कर रखा हैं. ख़ास तौर से अमेरिका ज़्यादा प्रभावित हुआ है. ऐसे में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उत्तर कोरिया को रोकने के लिए अब दक्षिण कोरिया को मजबूत बनाने का फैसला किया है. यह जानकारी व्हाइट हाउस ने दी. उल्लेखनीय हैं कि इस मसले पर ट्रंप और दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जेए-इन के बीच हुई बातचीत में संयुक्त सैन्य क्षमता को मजबूत करने पर सहमति बनने के साथ ही अमेरिका से अरबों डॉलर के हथियार खरीदने के लिए दक्षिण कोरिया को 'वैचारिक मंजूरी' भी मिल गई . दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार दोनों नेताओं ने वजन सीमा को खत्म करने और संयुक्त राष्ट्र के माध्यम से उत्तरी कोरिया पर कड़े प्रतिबंध और दबाव लागू करने पर भी सहमति व्यक्त की. इसके अलावा दक्षिण कोरिया और अमेरिका उत्तर कोरिया के खिलाफ अधिक मिसाइल-रोधी रक्षा प्रणाली को तैनात करेंगे. जबकि दूसरी ओर अमेरिकी राजदूत ने संयुक्त राष्ट्र में इस मुद्दे को जोरशोर से उठाते हुए अमेरिकी राजदूत ने उत्तर कोरियाद्वारा किए गए कहा कि हाइड्रोजन बम के परीक्षण के बाद अब संयुक्त राष्ट्र के रक्षा परिषद को उत्‍तर कोरिया के खि‍लाफ कड़े कदम उठाने की ज़रूरत है. निकी हेली ने संयुक्त राष्ट्र में सुरक्षा परिषद के सदस्यों से स्पष्ट रूप से कहा कि अब. बस बहुत हो चुका. क्योंकि किम जोंग उन का कदम रक्षात्मक नहीं है. वह सिर्फ़ परमाणु शक्ति के रूप में मान्यता चाहता है. यह भी देखें उत्तर कोरिया के फिर मिसाइल परीक्षण से विश्व समुदाय चिंतित हार्वे के तूफान में एक और भारतीय छात्रा की जान गई