देशभर में दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही मौत की घटनाएं लोगों के लिए बड़ी परेशानी का कारण बनती रही है। कई बार तो इन मौत का कारण केवल एक्सीडेंट या कोई जुर्म नहीं होता बल्कि नशे की लत के कारण भी देशभर में मरने वालों का आंकड़ा तेजी से बढ़ता जा रहा है, और इन्ही आंकड़ों के बीच आज हम आपको बताने जा रहे है कि नशे की लत का शिकार अब तक आनुमानिक तौर पर कितने लोग हो चुके है। एनएपीडीडीआर से 11.80 लाख होंगे लाभांवित: एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि NMBA को आगे और भी मजबूत किया जाने वाला है। यह नेशनल एक्शन प्लान फॉर ड्रग डिमांड रिडक्शन (NAPDDR) के अंतर्गत कार्य करना जारी रखने वाली है। जिसमे 272 जिलों में 13,000 युवा स्वयंसेवियों को नशीले पदार्थ के उपभोग से संबंधित दिक्कतों के प्रति समुदाय के साथ कार्य करने के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है। NAPDDR से तकरीबनब 11.80 लाख लोग वित्त वर्ष 2021-22 में लाभान्वित होंगे। पुनर्वास के बाद रोजगार जरूरी: विशेषज्ञों का कहना है कि नशीले पदार्थों के उपभोग के मुद्दों से निपटने के लिए गवर्नमेंट को दीर्घकालीन उपचार और नशा मुक्ति के उपरांत पुनर्वास पर कार्य करना चाहिए। इंटरनेशनल ट्रीटमेंट प्रीपेयर्डनेस कॉलिशन में दक्षिण एशिया के क्षेत्रीय समन्वयक लून गंगाटे ने बोला कि पुनर्वास के उपरांत रोजगार के मौके अवश्य तौर पर उपलब्ध कराने चाहिए। यह सुनिश्चत करना बेहद जरूरी है कि पुनर्वास के उपरांत क्या होगा। पुनर्वास के बाद 90 फीसदी लोग वापस करने लगते हैं नशा: जंहा इस बात का पता चला है कि पुनर्वास आसान रास्ता है और यह देखा जाता है कि इसके उपरांत 80-90 प्रतिशत लोग फिर से नशे के शिकार हो जाते हैं। और कई बार इसी लत के कारण मौत का शिकार भी हो जाते है। इसलिए पुनर्वास के उपरांत की योजना तैयार करना बेहद जरूरी है। इस वजह से राजस्थान में है सबसे अधिक युवाओं की मौत का आंकड़ा राजस्थान में कोरोना टीकाकरण जारी, आज से लगना शुरू होगा दूसरा डोज़ अंतरिक्ष में जल्द नया 'सैटेलाइट' लांच करेगा भारत, 'भागवत गीता' की कॉपी भी रहेगी साथ