सचिन पायलट को राजस्थान के डिप्टी सीएम एवं राज्य के अध्यक्ष पद से निष्कासित किए जाने के बाद उनके पैतृक गांव वैदपुरा में भी कांग्रेस का जमकर विरोध प्रारंभ हो गया है. ग्रामीणों ने कांग्रेस पार्टी और गांधी फैमिली के विरूध्द राेष जाहिर करते हुए बताया कि उन्हें एक सोची-समझे प्लान के तहत हटाया गया है. कांग्रेस को इसका भारी नुकसान उठाना पड़ेगा. राजस्थान के अलावा दिल्ली, हरियाणा, एमपी, यूपी , जम्मू-कश्मीर व महाराष्ट्र के गुर्जर भी कांग्रेस का जमकर विरोध कर रहे है. Video: कोरोना पॉजिटिव हैं अनुपम खेर की माँ लेकिन नहीं है खबर पायलट यूपी के गौतमबुद्धनगर शहर के वैदपुरा गांव के रहने वाले हैं. उनके डैड पूर्व केंद्रीय मंत्री दिवंगत राजेश पायलट सामान्य फैमली से संबंध रखते थे. राजेश पायलट शिक्षा पर ध्यान देने के अलावा वैदपुरा से राजधानी दूध बेचने भी जाते थे. एयरफोर्स में पायलट की जॉब के बाद उन्होंने कांग्रेस से पॉलीटिकल करियर का प्रारंभ किया था. लेकिन, उन्होंने अपनी कर्मभूमि राजस्थान को बनाया है. साथ ही अपने पैतृक गांव से कभी नाता नहीं तोड़ा. सचिन पायलट भी उस परंपरा को अपने पिता के बाद आगे बढ़ा रहे है. जानिए कुल कितना पैसा है अंबानी के पास, अब बने दुनिया के छठे सबसे अमीर आदमी वैदपुरा के लोगों ने यूपी में सपा, बसपा और भारतीय जनता पार्टी की लहर में भी राजेश पायलट और अब सचिन की वजह से कांग्रेस का साथ दिया. लोकसभा चुनाव हो अथवा विस चुनाव सभी में कांग्रेस को गांव से भारी मत मिले हैं. राजेश पायलट की अच्छी छवि का ही असर था कि गांव के रहने वाले सुरेंद्र गोयल कांग्रेस के टिकट पर एक बार गाजियाबाद से सांसद भी चुने गए थे. जो कि राजेश पायलट की राजनीतिक लोकप्रियता को दर्शाता है. आ गया वोकल फॉर लोकल Tictok एप, एंटरटेनमेंट के साथ होगी कमाई कोरोना का तांडव जारी, 3 दिनों में 9 लाख के पार निकला वायरस का संक्रमण सुशांत को याद कर एकता कपूर ने साझा किया इमोशनल पोस्ट