दमिश्क: विद्रोहियों से करार के रूस के एलान के बाद सोमवार को विद्रोही लड़ाके बसों में सवार होकर अपने परिवार के साथ पूर्वी घोउटा को छोड़कर सीरिया के उत्तरी शहर जाराबुलुस की ओर जाते देखे गए. सीरिया और रूस की सेना से लंबे संघर्ष के बाद विद्रोही अपने आखिरी बचे गढ़ पूर्वी घोउटा को छोड़ने को मजबूर हो गए हैं. सीरियाई सेना रूस की मदद से पिछले छह हफ्तों से पूर्वी घोउटा के विद्रोही ठिकानों पर कड़ी कार्रवाई कर रही थी. रूस ने रविवार को कहा था कि विद्रोही धड़े जैश अल-इस्लाम के लड़ाकों के साथ समझौता हो गया है. इसके तहत विद्रोही लड़ाके सामरिक नजरिये से महत्वपूर्ण घोउटा के डोउमा क्षेत्र से चले जाएंगे. विद्रोहियों ने हालांकि अभी ऐसे किसी समझौते की पुष्टि नहीं की है. पूर्वी घोउटा पर सीरिया की सरकार का दोबारा नियंत्रण होना राष्ट्रपति बशर अल असद के लिए बड़ी जीत मानी जा रही है. सात साल से यह क्षेत्र विद्रोही संगठन के कब्जे में था. पूर्वी घोउटा क्षेत्र के 95 फीसद क्षेत्र पर सीरिया की सरकार ने दोबारा नियंत्रण हासिल कर लिया है. सरकार और विद्रोहियों के इस संघर्ष में 1600 नागरिकों की मौत हो गई। दस हजार से ज्यादा लोग बेघर हो गए. लंबे समय से चली आ रही हिंसा के बाद अब इलाके में शांति बहाली की भी उम्मीद की जा सकती है. तालिबान का बरपा कहर, 48 छात्राओं को दिया जहर शिक्षा के क्षेत्र में भारत चीन से पिछड़ा CWG 2018: राष्ट्रमंडल खेलों में हर खिलाड़ी को 34 मुफ़्त कंडोम