पंजाब में खालिस्तानियों के उत्पात के बाद अब 'तिरंगे' का अपमान, सरकारी दफ्तर पर कटा-फटा राष्ट्रीय ध्वज

चंडीगढ़: देशभक्तों की धरती कहे जाने वाले पंजाब में इन दिनों देशविरोधी गतिविधियां बढ़ती हुईं नज़र आ रहीं हैं, जिससे राज्य सरकार पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं।  पंजाब में एक तरफ जहाँ आए दिन खालिस्तानी ताकतें, कानून व्यवस्था को चुनौती दे रही हैं, वहीं अब अंबाला शहर के नगर निगम दफ्तर में तिरंगे का अपमान किए जाने का मामला सामने आया है। रिपोर्ट के अनुसार, अंबाला नगर निगम के कार्यालय  पर फटा तिरंगा लगा हुआ मिला है, जिसके बाद ASI सतीश कुमार ने इस संबंध में शिकायत दी और 25 फरवरी 2023 को आपराधिक केस दर्ज किया गया।

शिकायत में ASI ने बताया है कि उन्होंने सोशल मीडिया पर दिखा था कि नगर निगम के दफ्तर पर एक तिरंगा लगा हुआ है, जो मैला भी है और फटा हुआ भी। उन्हें ये राष्ट्रीय ध्वज का अपमान लगा, इसलिए उन्होंने इस पर कार्रवाई की माँग की। ASI सतीश की शिकायत पर तिरंगे के अपमान की धारा 2 के तहत अंबाला शहर थाने में मामला दर्ज किया गया है। पुलिस की जांच में पता चला है कि नगर निगम दफ्तर पर गत वर्ष स्वतंत्रता दिवस पर अधिकारियों द्वारा ध्वजारोहण किया गया था और तब से उन्होंने इसे बदला ही नहीं। ध्वज का कपड़ा पुराना हो चुका था और उसे किनारे भी फट गए थे। अब मामले की छानबीन जारी है। पता लगाया जा रहा है कि तिरंगे की देख-रेख किसके जिम्मे रहती है। कहा जा रहा है कि, जो भी दोषी पाया जाएगा, उस पर कार्रवाई की जाएगी।

बता दें कि राष्ट्रीय ध्वज को लगाने के लिए काफी नियम-कायदे होते हैं। उसे कचरे में या अन्य जगहों पर फेंकना एकदम प्रतिबंधित है। यदि कोई फिर भी ऐसा करते हुए पाया जाता है, तो उसको कड़ी सजा मिल सकती है। 2022 में ‘हर घर तिरंगा’ अभियान के तहत जगह-जगह राष्ट्रीय ध्वज लगाए गए थे। सरकारी दफ्तरों से लेकर घर और निजी कार्यालय में भी झंडे लहराते हुए नज़र आए थे। इस अभियान से पहले केंद्र सरकार ने फ्लैग कोड ऑफ इंडिया 2002 में छोटा सा बदलाव किया था, जिसमें अनुमति दी गई थी कि तिरंगे को अब रात में भी खुले में फहराया जा सकता है। उससे पहले तिरंगे को सिर्फ सूर्योदय और सूर्याअस्त के बीच ही फहराने की इजाजत थी।

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