नई दिल्ली: देश में शहरोंए जिलों और स्टेशनों के नाम बदलने का दौर चल रहा है। जानकारी के अनुसार बता दें कि हाल में उत्तरप्रदेश सरकार ने इलाहाबाद को प्रयागराज नाम दिया है। जिसके बाद अब बांबे, कलकत्ता और मद्रास उच्च न्यायालयों की बारी है। यहां बता दें कि इस बारे में सरकार संसद में नए सिरे से विधेयक लाने जा रही है। हालांकि, संसद के आगामी शीत सत्र में विधेयक आने की संभावना कम ही है। भारतीय सुरक्षा बलों ने दक्षिण कश्मीर के यारवन, शोपियां में आतंकी ठिकाना किया ध्वस्त यहां बता दें कि इन शहरों के नाम पहले ही बदले जा चुके हैं, लेकिन इनमें स्थित राज्यों के हाई कोर्टों के नाम शहरों के पुराने नामों के आधार पर चल रहे हैं। दरअसल लोकसभा में 19 जुलाई 2016 को हाई कोर्ट नाम में परिवर्तन विधेयक-2016 पेश किया गया था। इसमें कलकत्ता हाई कोर्ट को कोलकाता, मद्रास को चेन्नई और बांबे हाई कोर्ट का नाम मुंबई हाई कोर्ट किए जाने का प्रस्ताव था।लेकिन तमिलनाडु सरकार ने केंद्र सरकार से मद्रास हाई कोर्ट का नाम हाई कोर्ट ऑफ तमिलनाडु रखने का आग्रह किया। इसके अलावा इसी तरह पश्चिम बंगाल सरकार चाहती थी कि कलकत्ता हाई कोर्ट का नाम कोलकाता हाई कोर्ट किया जाए। मगर कलकत्ता हाई कोर्ट अपना नाम बदलने को तैयार नहीं हुआ। उत्तरप्रदेश: कंस वध लीला के दौरान कंस पर चलाई गई गोली से युवक की हुई मौत गौरतलब है कि कई स्थानों पर नाम परिवर्तन किए गए हैं और कई स्थानों के नाम बदले जाना है।यहां बता दें कि इसके बाद दिसंबर 2016 में कानून राज्यमंत्री पीपी चौधरी ने लोकसभा में लिखित जवाब में कहा था कि पुराने विधेयक में संशोधन कर नया बिल पेश किया जाएगा। बता दें कि चौधरी ने कहा था कि नए विधेयक पर संबंधित राज्य सरकारों और हाई कोर्टों से राय मांगी गई है। खबरें और भी जयंती विशेष: अगर रानी लक्ष्मी बाई पर लिखी गई यह कविता नहीं पढ़ी तो व्यर्थ है जीवन आईआरसीटीसी घोटाला: लालू प्रसाद की आज होगी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेशी सबरीमाला मंदिर विवाद: आरएसएस ने प्रदर्शन करते हुए मुख्यमंत्री का घर घेरा