मुंबई: महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के लिए चुनौतियों का अंबार खड़ा है। सत्ता से बेदखल होने के पश्चात् उनकी पार्टी में भी फूट पड़ी है, कई सांसद-विधायक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के पाले में चले गए हैं। इस वक़्त पार्टी के अस्तित्व को बचाने की लड़ाई चल रही है। अब इस बीच उद्धव ठाकरे ने प्रदेश में संभाजी ब्रिगेड के साथ गठबंधन की घोषणा कर दी है। ये एक महाराष्ट्र का विवादित संगठन है जो पहले कई बार हिंसक प्रदर्शनों में सम्मिलित हो चुका है। वही एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उद्धव ठाकरे ने बोला है कि हम सभी को साथ आने की आवश्यकता है। संविधान को बचाना है, अपनी रीजनल छवि को सुरक्षित रखना है, तो साथ आना ही पड़ेगा। जो भी लोग समाज को बांटने का काम कर रहे हैं, लड़वाने का काम कर रहे हैं, उन्हें सबक सिखाना आवश्यक है। वहीं भाजपा से अलग होने वाली बात पर उद्धव साफ कर गए कि इस वक़्त बीजेपी अपनी ही विचारधारा से दूर हो चुकी है। वो संघ की विचारधारा से भी दूर होती जा रही है। मोहन भागवत बीते 2-3 वर्षों से जो बातें कर रहे हैं, उसे भी भाजपा फॉलो नहीं कर रही। वही इसी कारण उद्धव मानकर चल रहे हैं कि उन्हें अब एक ऐसे साथी की आवश्यकता है जो चुनाव में उन्हें मजबूती भी प्रदान करे तथा जिसके सहारे वे कड़ी टक्कर भी दे सकें। इस बारे में वे कहते हैं कि एक जमाने में अटल बिहारी वाजपेयी भी 30 पार्टियों को अपने साथ ले आए थे। ऐसे में यदि अब महा विकास अघाड़ी के साथ भी कुछ दूसरे दलों को जोड़ा जाए तो इसमें बुराई क्या है। वैसे जिस संभाजी ब्रिगेड के साथ उद्धव हाथ मिला रहे हैं, उसका विवादों के साथ एक पुराना नाता रहा है। कौन सी पार्टी है संभाजी ब्रिगेड? ये संगठन सबसे अधिक खबरों में तब आया था जब इसके कार्यकर्ताओं ने पुणे में 'भंडारकर रिसर्च इंस्टिट्यूट' में खूब तोड़फोड़ की थी। तब संभाजी ब्रिगेड ने इल्जाम लगाया था कि इस इंस्टीट्यूट ने उस अमेरिकन स्कॉलर की सहायता की जिसने शिवाजी महाराज का अपनी किताब के माध्यम से अपमान किया था। इस विरोध प्रदर्शन के अतिरिक्त कुछ दूसरे विवादों में भी संभाजी ब्रिगेड रहा है, किन्तु महाराष्ट्र की वर्तमान राजनीति को देखते हुए उद्धव ठाकरे ने अब इस पार्टी से हाथ मिला लिया है। 'भारत से अलग सोचने लगी है कांग्रेस...', गुलाम नबी के इस्तीफे पर बोले मनीष तिवारी 3 मालगाड़ियां खरीदेंगी पंजाब की भगवंत मान सरकार, जानें वजह 'शराब घोटाले पर मत बोलना, 50 करोड़ दूंगा..', राजनितिक एक्सपर्ट को केजरीवाल का ऑफर ?