ढाका: बांग्लादेश में इस समय उथलपुथल मची हुई है। जनवरी 2024 में पूर्ण बहुमत से सरकार बनाने वालीं शेख हसीना को अराजकता के कारण इस्तीफा देना पड़ा है, वे भारत में शरण लिए हुए हैं। इसी बीच बांग्लादेश में नेताओं पर दर्ज धन के दुरूपयोग, भ्रष्टाचार आदि मुक़दमे वापस हो रहे हैं। मुख्य विपक्षी नेता खालिदा जिया, जिन्हे भ्रष्टाचार के मामले में 17 साल जेल की सजा सुनाई गई थी, वे भी बाहर आ चुकी हैं। सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के जज बदले जा चुके हैं, अब खबर आ रही है कि, हाल ही में बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख बने मोहम्मद यूनुस पर से भी रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार के मुक़दमे वापस हो गए हैं। स्थानीय रिपोर्ट के अनुसार, मुहम्मद यूनुस को ग्रामीण दूरसंचार श्रमिकों और कर्मचारी कल्याण कोष से धन के दुरुपयोग पर भ्रष्टाचार विरोधी आयोग (ACC) द्वारा दर्ज रिश्वत मामले में बरी कर दिया गया है। ढाका विशेष न्यायाधीश न्यायालय-4 के न्यायमूर्ति मोहम्मद रबीउल आलम ने रविवार को यह फैसला सुनाया, जब ACC ने दंड प्रक्रिया संहिता के तहत दर्ज मामला वापस लेने की मांग की। रिपोर्ट के अनुसार, गैर-लाभकारी संगठन ग्रामीण शिक्षा की स्वास्थ्य सलाहकार और प्रबंध निदेशक नूरजहां बेगम भी भ्रष्टाचार मामले में आरोपी हैं। बता दें कि, 4 दिन पहले ही मोहम्मद यूनुस को श्रम कानून उल्लंघन के एक अन्य मामले में बरी किया गया था। 7 अगस्त को श्रम अपीलीय न्यायाधिकरण ने श्रम कानून के उल्लंघन के मामले में यूनुस की छह महीने की जेल की सजा को पलट दिया था। इस बीच, शनिवार को मुख्य न्यायाधीश ओबैदुल हसन को बांग्लादेश न्यायपालिका के प्रमुख के पद से इस्तीफा देना पड़ा, जब उपद्रवियों की भीड़ ने सुप्रीम कोर्ट को घेर लिया था और उन्हें एक घंटे में इस्तीफा देने का अल्टीमेटम दिया था। इसी प्रकार अन्य अदालतों के भी जज बदल दिए गए थे। 'प्रधानमंत्री इतना डरे हुए क्यों हैं..', हिंडनबर्ग की नई रिपोर्ट को लेकर पीएम मोदी पर राहुल गांधी का डायरेक्ट अटैक ! तमिलनाडु: कार और ट्रक की भीषण भिड़ंत, 5 छात्रों की दुखद मौत, 2 घायल सावन सोमवार को बाबा सिद्धनाथ मंदिर में मची भगदड़, 7 श्रद्धालुओं की दुखद मौत, कई घायल