यरूशलम: इजरायली कमांडो फोर्स ने 9 सितंबर को सीरिया में एक बड़ा ऑपरेशन चलाया, जिसमें उन्होंने ईरानी अफसरों को किडनैप कर लिया। यह हमला सीरिया के मसयफ और हामा इलाकों में हुआ, जहां ईरान समर्थित आतंकी समूहों के लोग सक्रिय हैं। इजरायल ने पहले एयरस्ट्राइक की, फिर ग्राउंड ऑपरेशन किया और अंत में मिसाइल अटैक किया। इजरायली कमांडो ने मसयफ के साइंटिफिक रिसर्च सेंटर को पूरी तरह से नष्ट कर दिया और शेख घदबान इलाके को भी बर्बाद कर दिया। मसयफ और वादी अल-यून के बीच की सड़क को भी तबाह कर दिया गया। इस हमले के दौरान, मसयफ और हामा के 10 बिल्डिंग ब्लॉक्स पूरी तरह से नष्ट हो गए। इस ऑपरेशन में इजरायली कमांडो ने दो से चार ईरानी अफसरों को भी उठा लिया। ये अफसर मसयफ के साइंटिफिक रिसर्च सेंटर में थे, जिसे एक केमिकल रिसर्च सेंटर माना जाता है और जिसका इस्तेमाल ईरान और सीरिया दोनों मिलकर करते हैं। हमला पहले इजरायली फाइटर जेट्स से किया गया। इसके बाद हेलिकॉप्टरों से ग्राउंड ऑपरेशन किया गया, जिसमें एक हेलिकॉप्टर से कमांडो उतरे और उन्होंने ईरानी अफसरों को यंत्रों और दस्तावेजों के साथ उठा लिया। इस दौरान, सेंटर के गार्ड को भी मार दिया गया। इस हमले के बाद, इलाके में सुरक्षा कड़ी कर दी गई और लॉकडाउन कर दिया गया। 2024 में सीरिया में ईरान के समर्थित आतंकी समूहों पर इजरायल ने 43 एयरस्ट्राइक की हैं। 9 सितंबर का हमला सबसे घातक था, जिसमें 15 मिलिट्री साइट्स को टारगेट किया गया, 18 लोग मारे गए और 37 जख्मी हुए। मसयफ और हामा के रिसर्च सेंटर मुख्य रूप से ड्रोन और रॉकेट निर्माण के लिए उपयोग किए जाते थे।सीरिया में इससे पहले 1 अप्रैल 2024 को इजरायल ने दमिश्क में हमला किया था, जिसमें ईरान के दो जनरल और पांच अन्य लोग मारे गए थे। इससे पहले 7 अक्टूबर 2023 को, इजरायल ने ईरान के सीनियर मिलिट्री अफसरों को निशाना बनाना शुरू किया था। नहीं रहे सीताराम येचुरी, 72 वर्ष की आयु में हुआ दिग्गज वामपंथी नेता का निधन आज ही हुई थी सारागढ़ी की लड़ाई, 600 अफगानियों पर भारी पड़े थे 21 सिख AAP की 7वीं सूची जारी, हरियाणा की सभी 90 सीट पर उतारे प्रत्याशी, गठबंधन खत्म