नई दिल्ली : भारत ने आज एक बार फिर अग्नि-5 मिसाइल का परीक्षण किया. डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (डीआरडीओ) के द्वारा सी गई जानकारी के अनुसार ओडिशा के तट पर इसका परीक्षण किया गया. इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (आईसीबीएम) का यह चौथा और आखिर परीक्षण था. यह मिसाइल एटमी हथियार ले जाने में सक्षम है. परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम इस मिसाइल की रेंज में पाकिस्तान, चीन और यूरोप तक है. अग्नि-5 मिसाइल 5 हजार किमी तक मार कर सकने में सक्षम है. यह 17 मीटर लंबी है और इसका वजन 50 टन है. सतह से सतह पर मार करने वाली इस मिसाइल को आसानी से डिटेक्ट नहीं किया जा सकता. रक्षा अधिकारियों के अनुसार अग्नि-5 को लक्ष्य तक ले जाने के लिए तीन चरण हैं. स्ट्रैटजिक फोर्सेस कमांड (एसएफसी) को दिए जाने से पहले मिसाइल का ये अंतिम परीक्षण बताया जा रहा है. बता दें कि 2003 में एसएफसी की स्थापना हुई थी. यह देश के एटमी हथियारों को कंट्रोल करती है. मिसाइल के उत्पादन से पहले ये संस्था कम से कम दो बार परीक्षण करती है. न्यूक्लियर वॉरहेड ढोने में सक्षम अग्नि-5 मिसाइल को आसानी से कहीं भी ले जाया और दागा जा सकता है. निर्भय का हुआ असफल परीक्षण अग्नि की उड़ान से पस्त होंगे चीन के हौंसले