नई दिल्ली: ब्रिटेन के स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कोविड-19 के नए वैरिएंट को लेकर चिंता जताते हुए कहा है कि ये वैरिएंट ‘बोत्स्वाना’ में मिला है, और विश्वभर में अब तक मिले कोविड के वैरिएंट्स में सबसे अधिक म्यूटेशन इस वैरिएंट में नज़र आया. इस वैरिएंट को ‘Nu’ (Nu Variant) नाम दे दिया गया है. हालांकि इस वैरिएंट के अभी तक 10 केस ही देखने को मिले है, लेकिन ये अब तक 3 देशों में फैल चुका है और कहा जा रहा है कि इस वैरिएंट का फैलाव से बहुत ही अधिक है. विशेषज्ञों के अनुसार इस वैरिएंट में 32 म्यूटेशन हैं, जोकि इस वैरिएंट को बहुत अधिक संक्रामक और वैक्सीन प्रतिरोधी बनाते हैं. मिली जानकारी के अनुसार ‘Nu’ वैरिएंट के स्पाइक प्रोटीन में किसी भी अन्य वैरिएंट के मुकाबले अधिक परिवर्तन है. रिपोर्ट में यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन में जेनेटिस्ट प्रोफेसर फ्रैंकोइस ब्लोक्स के हवाले से कहा गया है कि ‘ऐसा लगता है कि ये वायरस किसी कमजोर इम्युन सिस्टम वाले मरीज में पाया गया है, जिसे कोई गंभीर बीमारी रही हो. संभवतः एड्स से पीड़ित, जिसका उपचार नहीं हो रहा हो.’ वहीं इंपीरियल कॉलेज में वॉयरोलॉजिस्ट डॉ टॉम पिकॉक ने बोला है कि ‘Nu वैरिएंट के स्पाइक प्रोटीन में परिवर्तन के कारण मौजूदा वक़्त में उपलब्ध वैक्सीन की चुनौतियां बढ़ जाती हैं और वायरस से मुकाबला परेशानी भरा हो सकता है. उन्होंने बोला है कि मौजूदा वैक्सीन को वायरस के पुराने वैरिएंट्स के लिए तैयार कर लिया गया है.’ डॉ. टॉम पिकॉक ने बोला है कि नए वैरिएंट के म्यूटेशन बहुत खतरनाक हैं, जहां इस बात का पता चला है कि डॉ टॉम ने ही सबसे पहले इस वैरिएंट के संक्रमण को पहचाना था. इस वैरिएंट को साइंटिफिक तौर पर B.1.1.529 नाम दिया गया है. विशेषज्ञों ने इस वैरिएंट को डेल्टा वैरिएंट से भी खतरनाक बताया है, और कहा है कि इस वैरिएंट से अधिक खतरनाक और कुछ नहीं हो सकता है. धरती पर मंडरा रहा एलियन का खतरा! ये एक लापरवाही बनेगी वजह इज़राइल सरकार ने सात अफ्रीकी देशों पर प्रतिबंध लगाया रूसी कोयला खदान आपदा में मरने वालों की संख्या बढ़कर 52 हुई - रिपोर्ट