अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), भुवनेश्वर को एक बार फिर से स्वच्छता को बढ़ावा देने और कायाकल्प पुरस्कार योजना जीतकर सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं में टिकाऊ प्रथाओं का निर्माण करने के लिए सुरक्षित किया गया है। संस्थान को लगातार तीसरे साल स्वच्छता के लिए बी श्रेणी के तहत सर्वश्रेष्ठ केंद्र सरकार के अस्पताल के रूप में चुना गया है। एम्स भुवनेश्वर को प्रदर्शन के लिए 2 करोड़ रुपये का पुरस्कार मिलेगा। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने मंगलवार को नई दिल्ली में एक आभासी समारोह में यह पुरस्कार प्रदान किया। इससे पहले इसे 2018 में और साथ ही 2019 में श्रेणी बी अस्पतालों (1000 बेड से कम) के बीच देश का दूसरा सबसे स्वच्छ अस्पताल बनने के लिए पुरस्कार मिला था और पुरस्कार राशि के रूप में एक करोड़ रुपये प्राप्त हुए थे। पिछले साल की तरह इस बार भी अस्पताल में रखरखाव, स्वच्छता और स्वच्छता, कचरा प्रबंधन, संक्रमण नियंत्रण, सहायता सेवाओं और स्वच्छता प्रोन्नति सहित कुछ मापदंडों पर मूल्यांकन किया गया है। इसके अलावा मूल्यांकनकर्ता अस्पताल का शारीरिक रूप से निरीक्षण करेंगे, अभिलेखों की समीक्षा करेंगे, स्टाफ और मरीजों का साक्षात्कार करेंगे। ज्वैलरी चुराने के आरोप में दो महिलाएं हुई गिरफ्तार 14 जनवरी को केरल के सबरीमाला मंदिर में मनाया जाएगा मकरविलक्कु लोन ऐप्स पर लगाम लगाने के लिए वाम मोर्चा सरकार ने बनाया कानून