एक सरकारी अधिकारी ने कहा कि एयर इंडिया, बीपीसीएल और कंटेनर कॉरपोरेशन में रणनीतिक निवेश की प्रक्रिया वित्‍त वर्ष 2020 में पूरी होने की 'संभावना नहीं' लग रही है। चालू वित्‍त वर्ष के आर्थिक गणित पर यह प्रभाव डाल जा सकता है। इसके अलावा डिपार्टमेंट ऑफ इन्‍वेस्‍टमेंट एंड पब्लिक एसेट मैनेजमेंट (DIPAM) के ए‍क अधिकारी ने कहा कि इन सभी कंपनियों पर काम चल रहा है परन्तु प्रक्रिया में 'अप्रत्‍याशित' कारणों से विलंब हो रहा है। इसके साथ चालू वित्‍त वर्ष में मंत्रालय ने विनिवेश के जरिये विनिवेश से 1.05 लाख करोड़ रुपये प्राप्‍त करने का बजटीय लक्ष्‍य तय किया था। केंद्र सरकार पहले ही बजट में राजकोषीय घाटे के स्‍तर को पार कर चुकी है। अभी चार महीने बाकी है और राजकोषीय घाटा 115 फीसद पर पहुंच गया है। राजकोषीय गणित पर पड़ने वाले प्रभाव पर ऐसी घटनाओं के प्रभाव के बारे में टिप्‍पणी करने से अधिकारी ने मना कर दिया गया था। अधिकारी से जब पूछा गया कि क्‍या भारत पेट्रोलियम कॉरपोशन (BPCL) का विनिवेश इस वित्‍त वर्ष में पूरा हो जाएगा तो उन्‍होंने कहा 'संभवत: नहीं'। अकेले बीपीसीएल में सरकार अगर अपनी पूरी 53 फीसद हिस्‍सेदारी बेचती है तो उसे 60,000 करोड़ रुपये प्राप्‍त होंगे। इसी प्रकार कंटेनर कॉरपोरेशन और एयर इंडिया को लेकर उन्‍होंने कहा कि इनकी बिक्री 31 मार्च को समाप्‍त होने वाले वित्‍त में नहीं हो सकती है। उन्‍होंने कहा कि सरकार फाइनेंशियल स्‍टेमेंट्स तैयार कर रही है और आंकड़े जुटा रही है। उन्‍होंने बताया कि ऐसी प्रक्रियाओं में वक्‍त लगता है। शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया की रणनीतिक बिक्री के बारे में पूछे जाने पर अधिकारी ने कहा कि यह बिक्री निश्चित स्तर पर है और धीरे-धीरे मजबूत हो रही है। NHAI के कलेक्शन में दिक्कत का लगा पता, FASTag का फायदा कलेक्शन में दिखने लगा भिलाई इस्पात संयंत्र में हुए हादसों से हुआ 200 करोड़ का नुक्सान Petrol Diesel Price: पेट्रोल और डीजल के दाम में आज फिर आया भरी उछाल