आखिर क्यों जरुरी है कार में एयरबेग, कैसे करता है काम, जाने

आज हम आपके साथ शेयर करने जा रहे है कार के एयरबेग्स के बारे में।  एयरबैग अब हर कार में स्टैण्डर्ड फीचर हो गया है, किसी भी कार में ड्राइवर साइड एयरबैग जरूरी है।अब देश की सड़कों पर चलने वाली ज्यादातर कारों में एयरबैग की सुविधा दी जाती है जो एक्सीडेंट होने की सूरत में ड्राइवर की जान बचा सकती है, कारों में आजकल जो एयरबैग आते हैं उन्हें SRS एयरबैग के नाम से बुलाते हैं जबकि पहले सिर्फ एयरबैग ही आते थे। अब यहां SRS का मतलब (Supplemental Restraint System) होता है। यह इस बात को बताता है कि जैसे ही आप अपनी कार स्टार्ट करते हैं, कार की मीटर में लगे SRS इंडिकेटर कुछ सेकेंड के लिए जल जाते हैं। अगर SRS इंडिकेटर कुछ सेकेंड्स के बाद ऑफ नहीं होते या फिर जलते रह जाते हैं तो समझ जाइए कि एयरबैग में कोई ना कोई दिक्कत है। अब सवाल यह आता है कि कार में एयरबैग कैसे काम करता है? दरसल गाड़ी के बंपर पर एक इंपैक्ट सेंसर लगा होता है जैसे ही गाड़ी किसी चीज से टकराती है तो इंपैक्ट सेंसर की मदद से एक हल्का सा करंट एयरबैग के सिस्टम में जाता है और एयरबैग के अंदर एक गैस (sodium azide) भरी होती है उस गैस को वह गैस फॉर्म में प्ले आता है पहले यह किसी और फॉर्म भरी होती है जैसे इंपैक्ट सेंसर करंट भेजता है वह चीज गैस के रूप में परिवर्तित हो जाती है। एयरबैग कॉटन से बना होता है और इस पर सिलिकॉन की कोटिंग की जाती है। आपको बता दें कि एक सेकंड से भी कम समय (लगभग 1/20 सेकंड) में लगभग 300 किमी/घंटा की स्पीड से बंद एयरबैग फूलता है।

ध्यान देने वाली बात ये है कि जिसे तरह हर चीज की एक्सपायरी डेट होती है। ठीक उसी तरह से एयरबैग की भी एक्सपायरी डेट होती है। कुछ समय बाद एयरबैग भी रिप्लेसमेंट मांगते हैं। हालांकि एयरबैग के फंक्शन के लिए जिन पार्ट्स का इस्तेमाल किया जाता है वे काफी मज़बूत होते हैं, लेकिन काफी हद तक एयरबैग इग्नाइटर पर भी निर्भर करता है। कई बार देखने में आया है की एयरबैग इतनी स्पीड से खुलता है लोगों की जान भी जा चुकी है। भारत में राष्ट्रीय राजमार्ग पर बघौला गांव के समीप आगे चल रहे एक कैंटर ने अचानक ब्रेक लगा दी, जिससे पीछे आ रही गाड़ी, कैंटर से जा टकर। दुर्घटना में कार चालक को गंभीर चोटें आईं। दुर्घटना के दौरान गाड़ी में लगा एयर बैग इतनी तेजी से खुला कि उसके तेज प्रेशर से ड्राईवर का लीवर फट गया जिससे उसकी मृत्यु हो गयी। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि कार की सीट बेल्ट का भी एयरबैग की फंक्शन से लिंक होता है। एयरबैग को बनाते वक्त इस बात का भी ख्याल रखा जाता है कि गाड़ी में बैठे आदमी ने सीट बेल्ट लगा रखा हो। इसलिए सिर्फ एयरबैग के भरोसे ना बैठें। गाड़ी में बैठते ही सीट बेल्ट जरूर लगाएं। अगर एक्सीडेंट या फिर किसी और दुर्घटना या किसी और वजह से आपकी कार का एयरबैग खुल जाता है तो किसी ऑथोराइज्ड डीलरशिप या वर्कशॉप में ही उसे ठीक करवाएं ताकि किसी भी तरह की चूक से बचा जा सके। चाइल्ड सीट को कभी भी एयरबैग के सामने ना रखें।

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