रेलवे ट्रेनों में अपग्रेडेड वैक्यूम बायो टॉयलेट जो कि अभी केवल विमान में उपयोग किया जाता है को लगाने वाला है. रेलवे मंत्री गोयल ने कहा कि विमान सेवाओं से प्रतिस्पर्धा के लिए रेलवे को अपग्रेड करने की जो योजना बनी थी उसमें बायो-टॉयलेट को अपग्रेड वर्जन से बदलना भी एक था. उन्होंने कहा कि हमने रेलवे में विमान सेवाओं वाले वैक्यूम बायो-टॉयलेट का प्रयोग शुरू कर दिया है. करीब 500 वैक्यूम बायो-टॉयलेट का ऑर्डर दे दिया गया है. प्रयोग सफल होते ही मैं ट्रेनों के सभी 2.5 लाख टॉयलेट को वैक्यूम बायो-टॉयलेट से बदलने के लिए पैसा खर्च करने को तैयार हूं. उन्होंने कहा कि एक वैक्यूम बायो-टॉयलेट की कीमत करीब 2.5 लाख होगी. पूरी तरह से गंध मुक्त होने के साथ पानी की खपत पांच फीसदी कम हो जाएगी और उसमें ब्लॉक होने का खतरा भी काफी कम होगा. गोयल ने कहा कि मार्च, 2019 तक भारतीय रेलवे में 100 फीसदी बायो-टॉयलेट होगा. यह अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है. पटरियां साफ होंगी, दुर्गंध नहीं होगी और रेल नवीनीकरण कम होगा. रेलवे मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार, 31 मई तक, करीब एक लाख प्रति टॉयलेट की कीमत पर 37,411 डिब्बों में एक लाख 36,965 बायो-टॉयलेट लगाए गए थे. वहीं मार्च, 2019 तक करीब 18,750 डिब्बों में बायो-टॉयलेट लगाए जाने का लक्ष्य है इन सब में कुल 250 करोड़ रुपये खर्च होंगे. रेलवे ने निकाला ऐसा टिकट कि 5 साल तक चला केस, आया ये फैसला चीन-नेपाल के बीच रेल लाइन! रेल मंत्रालय का फैसला- नहीं चलेगी कोई नई ट्रेन