मध्यप्रदेश में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने है. चुनाव से पहले बीजेपी हो या कांग्रेस दोनों दलों में चुनाव की बौखलाहट साफ़ तौर पर देखी जा सकती है, दोनों पार्टियों ने अपना प्रचार भी शुरू कर दिया है. एक तरफ जहाँ बीजेपी बीते कुछ सालों से एक ही चेहरे शिवराज सिंह चौहान पर चुनाव लड़ी है वहीं कांग्रेस के लिए अब मुख्यमंत्री का चेहरा सबसे बड़ी मुसीबत बनता नजर आ रहा है. अजय सिंह मध्यप्रदेश की राजनीति में अपनी गहरी छाप रखते है, उसके बावजूद उनको वो तवज्जों नहीं दी रही है, जो आम तौर पर उन्हें मिलनी चाहिए.कांग्रेस चाहे ऊपरी तौर पर खूब दिखावा कर ले कि उसके सभी नेता पार्टी के लिए काम कर रहे है लेकिन हाल ही में मंदसौर में राहुल गाँधी की रैली हो या मीडिया से बातचीत, अजय सिंह के चेहरे पर इस बात की नाराजगी साफ तौर पर दिखाई देती है, जिसका खामियाजा हो सकता है कांग्रेस को आने वाले चुनावों में भुगतना पड़ जाएं. कांग्रेस ने फिलहाल मध्यप्रदेश में अपना कोई चेहरा घोषित नहीं किया है. जो कांग्रेस बाहर से मध्यप्रदेश में इतनी मजबूत दिखाई दे रही है वो अंदर से उस खीरे की तरह है जिसको काटने पर भीतर से तीन टुकड़े नजर आते है. यही कारण है कि कांग्रेस मध्यप्रदेश में अपना चेहरा घोषित करने से बच रही है. वहीं इस खेल में अब तक नदारद रहे कांग्रेस विपक्ष के नेता अजय सिंह के चेहरे पर चुनावी रैलियों के दौरान नाराजगी साफ तौर पर देखी जा सकती है, बाकी वक्त बताएगा कि मध्यप्रदेश में सत्ता का सुख कौन सी पार्टी के किस नेता को मिलेगा. ज्योतिरादित्य ने दी शिवराज को खुली चुनौती मप्र बीजेपी के 130 विधायकों का पत्ता साफ होने के संकेत राहुल ने दलितों की पिटाई पर बीजेपी -आरएसएस पर हमला बोला