अजमेर दरगाह पहले शिव मंदिर था..! दावे के बाद घटी जायरीनों की तादाद

अजमेर: राजस्थान के अजमेर में हिन्दू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता द्वारा दरगाह परिसर में हिन्दू मंदिर होने का दावा किए जाने के बाद विवाद बढ़ गया है। इस मामले में अजमेर जिला न्यायालय ने अल्पसंख्यक मंत्रालय, दरगाह कमेटी अजमेर और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआई) को नोटिस जारी किया है। इस दावे के बाद दरगाह और उसके आसपास का माहौल पूरी तरह से बदल गया है।  

दरगाह, जो हमेशा से जायरीनों से भरी रहती थी, अब सुनसान नजर आ रही है। दरगाह बाजार, जो दिन-रात लोगों की चहल-पहल से गुलजार रहता था, अब सन्नाटे में डूब गया है। दुकानदारों और होटल मालिकों की स्थिति बिगड़ रही है, और उन्हें अपने रोजमर्रा के खर्चों को पूरा करने में कठिनाई हो रही है। बाजार के व्यापारियों ने बताया कि पहले जहां ग्राहकों की भीड़ रहती थी, अब उनके पास कुछ ही लोग आते हैं। दुकानों का किराया और बिजली के बिल भरना भी मुश्किल हो गया है। यहां तक कि टैक्सी और ई-रिक्शा चालकों की आय में भी गिरावट आई है। कई होटल और दुकानों ने अपने कर्मचारियों की संख्या भी कम कर दी है।  

अगले महीने विश्व प्रसिद्ध अजमेर दरगाह का उर्स मेला आयोजित होने वाला है, जिसमें देश-विदेश से ख्वाजा साहब के अनुयायी पहुंचते हैं। लेकिन मौजूदा स्थिति को देखते हुए व्यापारी चिंतित हैं। उनका मानना है कि जायरीनों की कमी के कारण इस बार व्यापार पर बड़ा असर पड़ सकता है। अभी ही उनकी आमदनी में 30 से 40 प्रतिशत की कमी आ चुकी है, और अगर यही स्थिति बनी रही तो उर्स मेले के दौरान यह नुकसान 60 से 70 प्रतिशत तक पहुंच सकता है। इस विवाद ने न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व रखने वाली दरगाह की रौनक को प्रभावित किया है, बल्कि स्थानीय व्यापार और लोगों की आजीविका पर भी गंभीर असर डाला है। व्यापारियों को डर है कि यदि हालात जल्द न सुधरे तो उनका गुजारा करना और मुश्किल हो जाएगा।

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