संविधान ना होता तो किसी मंदिर में घंटी बजा रहे होते सीएम योगी - अखिलेश यादव

लखनऊ: 2019 लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण के प्रचार के दौरान यूपी के पूर्व सीएम और समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और बसपा अध्यक्ष मायावती ने सोमवार को पीएम नरेंद्र मोदी के साथ ही यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ पर हमला बोला है। गोरखपुर में महागठबंधन की चुनावी रैली में अखिलेश यादव ने कहा है कि पिछली बार उप चुनाव में मायावती ने केवल समर्थन दिया था तो कितना बड़ी जीत मिली थी, किन्तु इस बार तो गठबंधन हो गया है। 

अखिलेश ने कहा कि अब आवाज मठ तक जा चुकी है, अब योगी जान गए होंगे। अखिलेश यादव ने कहा है कि अब योगी आदित्यनाथ की भाषा बदल चुकी है। ये वो लोग हैं जिन्होंने किसानों की आमदनी दोगुनी करने की बात कही थी, युवाओं को नौकरी देने की बात कही थी। इन्होंने क्या किया। लोगों को नोटबंदी की तरह अब कतार में लगकर गैस सिलेंडर भरवाना पड़ रहा है। सपा अध्यक्ष ने कहा कि गोरखुपर में बच्चों की मौत हो गई क्योंकि सरकार के पास ऑक्सीजन के लिए धन नहीं था। 

उन्होंने कहा कि योगी सरकार ने डॉक्टर को झूठा फंसाया जबकि शीर्ष अदालत ने उस डॉक्टर को निर्दोष पाया। अखिलेश ने पीएम मोदी को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि चाय वाले ने देश की जनता को धोखा दिया। अखिलेश यादव ने सवालिया लहजे में कहा, 'कैसा रहा चाय का स्वाद?' फिर अखिलेश ने कहा कि मात्र चौकीदार की कुर्सी छीनने से काम नहीं चलेगा। ठोक देने वाले से भी कुर्सी छीननी पड़ेगी। ठोकीदार को भी हटाना है। अखिलेश ने ये भी कहा कि अगर बाबा साहेब का संविधान नहीं होता तो सीएम योगी किसी मंदिर में घंटी बजा रहे होते।

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