लखनऊ: उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव की अवैध खनन मामले में मुश्किल बढ़ती दिखाई दे रही हैं. मामले की जांच कर रही सीबीआई ने कहा है कि अखिलेश यादव ने बतौर सीएम एक ही दिन में 13 खनन परियोजनाओ को अनुमति दे दी थी. सीबीआई इस मामले से जुड़े सभी तत्कालीन खनन मंत्रियों की भी जांच करने वाली है. यहाँ ध्यान देने वाली बात यह है कि खनन के लिए जो अवैध पट्टे आवंटित किए गए थे, उस वक्त खनन मंत्रालय अखिलेश यादव के पास था. ट्रंप ने रखा प्रस्ताव, मैक्सिको सीमा पर कंक्रीट की जगह बनायें स्टील की दीवार सीबीआई ने कहा है कि अखिलेश यादव ने बतौर सीएम एक ही दिन में ई-टेंडरिंग प्रक्रिया के नियमों तो तोड़ते हुए 13 पट्टे आवंटित कर दिए थे, जबकि उन्होंने मात्र 14 लीज को ही मंजूरी दी थी. ये सभी पट्टे 17 फरवरी 2013 को आवंटित किए गए थे. सीबीआई का दावा है कि हमीरपुर की तत्कालीन डीएम बी चंद्रकाल ने सीएमओ को मंजूरी दी थी, जिसके बाद 17 फरवरी को पट्टों को अनुमति दे दी गई थी. ये पट्टे 2012 में ई-टेंडरिंग की प्रक्रिया का उल्लंघन करते हुए जारी किए गए थे. भाजपा में शामिल हो सकते हैं अल्पेश ठाकोर! जिस तरह से सीबीआई ने अवैध खनन मामले में अखिलेश यादव के खिलाफ जांच शुरू की है, उसके बाद सभी विपक्षी दलों ने भी केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि मोदी सरकार सीबीआई के गलत इस्तेमाल कर रही है. अपने खिलाफ सीबीआई जांच शुरू होने के बाद अखिलेश यादव ने कहा था कि विपक्षी दलों की एकता से डरकर अब भाजपा सीबीआई का गलत उपयोग करने पर उतारू हो गई है. खबरें और भी:- मोदी सरकार से कांग्रेस का सवाल, आरक्षण तो दे दिया अब नौकरी कब देगी मोदी सरकार? चौथी बार बांग्लादेश की प्रधानमंत्री बनी शेख हसीना, आज ग्रहण की पीएम पद की शपथ शाह ने दिया विवादित बयान, कहा- दुनियाभर से भीख मांगेंगे हमारे पीएम इमरान खान