लखनऊ: पिछले कुछ दिनों से CAA, राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर के बाद अब राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) को लेकर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सरकार को अपना निशाना बनाया है. वहीं उन्होंने आरोप लगाया कि यह तीनों एक हैं. हर भारतीय इनके खिलाफ है. इनको लेकर जो आशंकाएं हैं, उससे गहरा असंतोष व आक्रोश पनप रहा है. भाजपा का शीर्ष नेतृत्व सच नहीं बोलता है. अखिलेश ने आरोप लगाया कि हिंसा में मारे गए लोगों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट सरकार क्यों छिपा रही है? रिपोर्ट्स से मिली जानकारी के अनुसार बयान जारी कर अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार ने जनता की बुनियादी समस्याओं का समाधान नहीं किया और देश को लाइन में लगाने की फिर से साजिश की जा रही है. उन्होंने कहा कि गत 19 दिसंबर को प्रदर्शन में डेढ़ दर्जन से ज्यादा मौतें हुई थीं, उनकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट क्यों नहीं दी जा रही है? उन्होंने सवाल किया कि सरकार भाजपा की है और विरोध भी सरकार के निर्णयों का हुआ है तो फिर गोली किसने चलाई? सपा अध्यक्ष ने कहा कि हिंसा के बाद पुलिस प्रतिशोध में कार्रवाई कर रही है. दूकानों और घरों में तोड़फोड़ की जा रही है. निर्दोषों को सताया जा रहा है. महिलाओं का अपमान किया जा रहा हैं. रामपुर में उत्पीड़न चरम पर है. पुलिस रंगकर्मी एवं संस्कृति कर्मियों की धर पकड़ कर रही है. हम आपको बता दें कि अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा कि 'जब सरकार ने खुद ही राज्य सभा में कहा है कि एनआरपी ही एनआरसी का आधार होगा तो ये भाजपाई और कितना झूठ बोलकर लोगों को गुमराह करेंगे. इनके 'छिपे उद्देश्यों' का अब भंडाफोड़ हो चुका है. देश की एकता को खंडित करने वालों की चला-चली की बेला आ गई है.' अगस्ता वेस्टलैंड: क्रिश्चियन मिशेल ने कोर्ट में दायर की याचिका, इन अधिकारियों की जांच की मांग ओवैसी ने केंद्रीय गृहमंत्री पर साधा निशाना, कहा-अमित शाह साहब, जब तक सूरज पूरब से उगता... झारखंड चुनाव में मिली हार के बाद भाजपा पार्टी के अंदर से उठी CAA की खिलाफत में आवाज