लॉकडाउन और कोरोना संकट के बीच समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि कोरोना संकट और लॉकडाउन की सर्वाधिक मार किसानों पर पड़ी है. टीम-11 और भाजपा मंत्रिमंडल की बैठकों में किसानों को वास्तविक राहत देने के उपायों पर विचार करने की जगह हवाई रोजगार पैदा करने पर जोर दिया जा रहा है. मुख्यमंत्री किसानों की समस्याओं पर गौर नहीं करना चाहते हैं. कारण स्पष्ट है कि भाजपा का किसानों के हितों से कभी कोई लेना-देना नहीं रहा है. अमेरिका में मृतकों की संख्या बढ़ी, 3 दिन में लगातार 700 मौतें अपने बयान में यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मंगलवार को जारी बयान में कहा कि भाजपा सरकार समझती है कि कोरोना की महामारी की आड़ में अन्य बुनियादी गंभीर समस्याओं की अनदेखी की जा सकती है. जहां, एक तरफ विस्थापित श्रमिकों और बेरोजगार नौजवानों के सामने भविष्य की चिंता है, वहीं किसानों की बदहाली ने खेती का संकट पैदा कर दिया है. इसके लिए भाजपा की डबल इंजन की सरकारें जिम्मेदार हैं. दक्षिण कोरिया में शुरू हुआ नया नियम, जारी हुयी नो राइड की निति आपकी जानकारी के लिए बता दे कि सरकारी दावों के बावजूद गेहूं क्रय केंद्रों का कोई अता-पता नहीं चला. किसान को 1925 रुपये प्रति कुंतल न्यूनतम समर्थन मूल्य भी नसीब नहीं हुआ, जिसे औने-पौने दाम पर बिचौलिये लूटकर ले गए. प्रदेश में 20 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा गन्ना किसानों का बकाया है. चीनी मिलें बंद हो रही है, जबकि गन्ना खेतों में खड़ा है. खरीफ की बुवाई का समय है. धान रोपने की तैयारी है. लेकिन, सरकार की तरफ से कोई राहत-सुविधा नहीं मिली. ब्याज पर कर्ज की व्यवस्था समाप्त हो. किसानों को तत्काल कार्यपूंजी देने का इंतजाम हो. कर्ज के बोझ तले दबे पांच एकड़ से कम जोत वाले किसानों की नकद आॢथक मदद की जाए. यदि बदले मौसम के मिज़ाज़ तो टल सकती है स्पेस-एक्स की पहली उड़ान कोरोना की मार से बौखलाया पाकिस्तान, मरने वालों की संख्या 1000 के पार स्पेन में कोरोना की बढ़ रही मार, कोरोना के कारण मनाया जा रहा राष्ट्रिय शोक