समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने शनिवार को कहा कि भाजपा नहीं चाहती है कि देश में पिछड़े वर्गों की जाति की जनगणना की जाए, यह शुरू से ही सामाजिक न्याय के "विपरीत" था। उनकी टिप्पणी केंद्र द्वारा बताए जाने के बाद आई है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पिछड़े वर्गों की जाति जनगणना "प्रशासनिक रूप से कठिन और बोझिल" है और इस तरह की जानकारी को जनगणना के दायरे से बाहर करना एक "सचेत नीति निर्णय" है। अखिलेश यादव ने ट्विटर पर कहा 'ओबीसी' समाज की गणना की लंबे समय से चली आ रही मांग को खारिज कर भाजपा सरकार ने यह साबित कर दिया है कि वह 'अन्य पिछड़ा वर्ग' की गिनती नहीं करना चाहती क्योंकि वह देना नहीं चाहती है। उन्होंने आरोप लगाया, ''पैसे और सत्ता की हिमायत करने वाली भाजपा शुरू से ही सामाजिक न्याय की विरोधी रही है.'' उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा धन और शक्ति की "समर्थक" है और "शुरू से ही सामाजिक न्याय का विरोध करती रही है"। इससे पहले, बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने भी केंद्र के हलफनामे पर सवाल उठाया और पूछा कि यदि जाति जनगणना की अनुमति नहीं देना वास्तव में भाजपा का एक सचेत निर्णय था, तो बिहार में उसके विधायक जाति जनगणना के पक्ष में प्रस्ताव पारित करने के लिए क्यों सहमत हुए। 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों की भीड़ से आयरलैंड में बढ़ रहा कोरोना का संक्रमण क्लिनिकल परीक्षण में सामने आया, चीनी वैक्सीन कोरोना से लड़ने में अधिक प्रभावी अमेरिका के साथ समझौते के बाद मेंग वानझोउ चीन के लिए हुए रवाना