लखनऊ: समाजवादी पार्टी में चाचा-भतीजे के झगडे से हर कोई वाक़िफ़ है। विवाद इतना बढ़ा कि चाचा शिवपाल यादव ने अपनी नई पार्टीका गठन कर लिया और अखिलेश यादव से किनारा कर लिया। तक़रीबन चार वर्ष बाद होली के अवसर पर मुलायम सिंह यादव का यह परिवार एकबार फिर से इकट्ठा हुआ। इस अवसर पर ऐसा लगा कि सारे गिले-शिकवे दूर हो गए। अपने पैतृक गांव में अखिलेश यादव ने भी आगे बढ़कर चाचा शिवपाल के पैर छू लिए और सपा समर्थकों ने नारा लगाया- 'अखिलेश भइया, शिवपाला चाचा जिंदाबाद।' इस होली के तक़रीबन चार वर्ष पूर्व ही परिवार के ये चार बड़े नेता अखिलेश यादव, मुलायम सिंह यादव, राम गोपाल यादव और शिवपाल यादव, एक मंच पर आए थे। सैफई में इस बार की होली इसी कारण खास रही कि परिवार के सब लोग साथ आए। इससे पहले शिवपाल यादव भी कई बार कह चुके हैं कि वह अखिलेश यादव के साथ गठबंधन करने के लिए तैयार हैं। यह विवाद वर्ष 2016 में शुरू हुआ था। पार्टी पर एकाधिकार को लेकर शिवपाल और अखिलेश यादव के विवाद ने खूब किरकिरी कराई। 2017 में अखिलेश यादव को सत्ता भी गंवानी पड़ी। 2019 के लोकसभा चुनाव से ऐन पहले शिवपाल यादव ने प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया (प्रासपा) के नाम से अपनी पार्टी भी बना ली। शिवपाल की पार्टी ने लोकसभा चुनाव भी लड़ा, किन्तु उसे कोई भी सफलता नहीं मिली। MP के बाद अब महाराष्ट्र में हो सकता है बड़ा उलटफेर, ये है भाजपा का मास्टर प्लान सिंधिया के इस्तीफे के बाद शुरू हुआ 'विधायक बचाओ' अभियान, दिल्ली पहुंचे भाजपा MLA क्या बच पाएगी कमलनाथ सरकार ? सोनिया गाँधी ने कांग्रेस के दिग्गज नेताओं को दी बड़ी जिम्मेदारी