रांची: झारखंड के ग्रामीण विकास मंत्री और कांग्रेस नेता आलमगीर आलम को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 14 दिनों की पूछताछ के बाद गुरुवार को जेल भेज दिया। विशेष अदालत में दायर रिमांड याचिका में आलमगीर आलम की पहचान ग्रामीण विकास विभाग के भीतर मनी लॉन्ड्रिंग मामले में एक प्रमुख व्यक्ति के रूप में की गई थी। ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग गतिविधियों में आलमगीर आलम की संलिप्तता के पर्याप्त सबूत मिलने की सूचना दी। जांच में पता चला कि उसने और उसके सहयोगियों ने इन अवैध तरीकों से अर्जित संपत्तियों को अपने पास रखा और अवैध आय को मुख्यधारा की अर्थव्यवस्था में एकीकृत किया। ईडी ने तर्क दिया कि अगर आलमगीर आलम को न्यायिक हिरासत में नहीं रखा गया तो वह चल रहे मामले में हस्तक्षेप कर सकते है। ईडी के अनुसार, जांच में पता चला है कि आलमगीर आलम से जुड़े कई प्रभावशाली व्यक्तियों ने ग्रामीण विकास विभाग के भीतर ठेकों के आवंटन और कमीशन प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इन व्यक्तियों ने अवैध आय से लाभ भी कमाया। ED ने जोर देकर कहा कि आलमगीर आलम के साथ पूरा विभाग इस भ्रष्ट नेटवर्क का हिस्सा था। आलमगीर आलम को पहली बार 16 मई को छह दिनों के लिए रिमांड पर लिया गया था। इसके बाद 22 मई को उसे ईडी की विशेष अदालत में पेश किया गया, जहां ईडी ने उसकी रिमांड अवधि पांच दिन के लिए बढ़ा दी। 27 मई को अदालत ने उसे तीन दिन की और रिमांड दे दी। पूछताछ पूरी होने के बाद गुरुवार को आलमगीर आलम को जेल भेज दिया गया। भाजपा शासित इस राज्य में ED की छापेमारी, 175 करोड़ के राइस मिलिंग घोटाले से जुड़ा है मामला 'राहुल गांधी प्रधानमंत्री बनेंगे, भाजपा निश्चित रूप से हारेगी..', विपक्ष के पीएम प्रत्याशी पर पहली बार खुलकर बोले खड़गे ! महज 5 महीने में 12 लाख पर्यटक ! कश्मीर में टूरिस्ट्स की संख्या ने बनाया रिकॉर्ड, विदेशों से भी खूब आ रहे लोग